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24 साल बाद रानीखेत लौटे माधो सिंह, मृतक समझकर परिवार पहले ही कर चुका है अंतिम संस्कार

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रानीखेत: कुछ मामले चौंकाने की हद से भी आगे तक चौंका देते हैं। ये अजीबो गरीब मामला जेनौली गांव का है। जहां 24 साल बाद एक मृत व्यक्ति अपने घर लौटा है। रुकिए, चौंकने से पहले पूरी खबर पढ़ लीजिए। दरअसल सालों पहले मृत मानकर जिस लापता व्यक्ति का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया था, वह अब वापिस लौट आया है।

दरअसल रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे पर स्थित जेनौली गांव निवासी 72 वर्षीय माधो सिंह करीब 24 साल पहले अपने घर से अचानक ही लापता हो गए। जब पत्‍‌नी जीवंती देवी व बेटा-बेटी समेत अन्य परिजनों द्वारा खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिले तो सब बड़े परेशान हो गए।

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इसके बाद जब घर में ईष्ट देवता की जागर लगी तो पता चला कि माधो सिंह का निधन हो चुका है। इसलिए परिवार जनों ने उनके क्रियाकर्म की सांकेतिक विधि पूरी की। साथ ही मुंडन आदि भी कर लिया। मगर माधो सिंह जिंदा थे। इस बात का पता 24 साल बाद जाकर अब लगा।

हुआ ये कि बीते दिनों अचानक रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे पर जेनौली गांव के समीप बेसुध हालत में व्यक्ति मिला। देखा तो वह माधो सिंह निकले। सूचना आग की तरह गांव में फैली तो परिवार संग सारे ग्रामीण मौके पर उमड़ पड़े। फिर माधो सिंह को डोली के माध्यम से उन्हें घर तक पहुंचाया गया।

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प्रधान प्रतिनिधि कुबेर सिंह माहरा बताते हैं कि माधो सिंह सबको पहचान रहे थे मगर चलने फिरने में दिक्कत महसूस कर रहे थे। हालांकि वह ये जवाब नहीं दे सके कि इतने सालों बाद वापिस कैसे पहुंचे। बहरहाल परिवार द्वारा हरिद्वार में माधो सिंह का अब दोबारा नामकरण करवाया जाएगा।

बता दें कि नामकरण के बाद ही वह घर में प्रवेश कर सकते हैं। अभी वह घर के परिसर में ही तिरपाल लगाकर रह रहे हैं। गौरतलब है कि विधवा जीवन जी रही माधो सिंह की पत्नी अपने पति को 24 साल बाद देखकर रो पड़ी। उन्होंने अपनी एक बेटी और बेटे की परवरिश करते हुए बेटी का विवाह कराया। 30 वर्षीय बेटा भी अपने पिता को देखकर भावुक हो गया।

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