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‘महिला सैन्य कर्मी’ ने शादी से 15 दिन पहले तोड़ी अपनी शादी,होने वाले पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज

वर्तमान परिवेश मेंं एक महिला जिसके मुख में कहने की शक्ति हो या आवाज हो सही मायनों में वही एक मजबूत और निडर औरत है।जिस समाज में महिला सशक्तिकरण आज भी एक ज्वलंत अभियान है, वहाँ अपने हक के लिए समाज की रूढ़िवादी बंदिशो के खिलाफ लड़ जाने वाली किसी भी महिला के लिए यह टिप्पणी गलत नहीं कही जायेगी ।आज औरत चाहे कितना पढ़ लिख ले ,अच्छी नौकरी कर ले पर फिर भी उसे ब्याहने के लिए भई दहेज देना जरूरी है।समाज के कुछ पेंच जो हमेशा से ढीले थे।आज भी कोई कस नहीं पाया है।और शायद बहुत कठोर रवैये की मार ही इन पेंचों को कस कर तंग कर सकती है। देहरादून की कैंट थाना क्षेत्र महिला,जो कि एक सैन्य कर्मी भी हैं, उन्होंने 15 दिन बाद होने वाली अपनी शादी तोड़कर ऐसा ही एक पेंच कसा है। बतौर अकाउंटेंट के पद पर तैनात एक सैन्य कर्मी होने के बावजूद उनसे 15 लाख बतौर दहेज की मांग की गयी।

महिला सैन्य कर्मी के इस कदम ने सभी को चौंका भी दिया है कि समाज की परवाह किये बिना उन्होंने कैसे शादी से सिर्फ 15 दिन पहले अपनी शादी तोड़ दी। किसी भी आम परिवार की तरह बेटी की शादी इस परिवार के लिए भी सबसे बड़ी खुशी थी । पीड़िता महिला सैन्य कर्मी की सगाई 24 मार्च को सौरभ पुत्र जयचंद निवासी टीएचडीसी कॉलोनी बंजरवाला से हुई थी। सगाई के बाद शादी की तारीख 22अप्रैल तय हुई। आरोप है कि इसके बाद सौरभ ने पीड़िता और उसके परिजनों को फोन कर 15 लाख रुपये दहेज की मांग की ।शादी से ठीक कुछ दिन पहले ऐसी बात सुनकर परिवार के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।आरोपी की 15 लाख की मांग नकारने पर उसने सैन्य कर्मी के परिवार को देख लेने की धमकी भी दी ।परेशान पीड़िता ने शादी के लिए चुने गये आरोपी युवक समेत उसके परिवार के चार लोंगो के खिलाफ गढ़ी कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

महिला की यह पहल दहेज की लालसा में हद पार करने वालों के लिए एक कड़ी चेतावनी है। महिला सैन्य कर्मी सचमुच  सराहना की पात्र है। कि उन्होंने औरों की तरह इस मांग में हां में हां मिलाने की जगह गलत को गलत करार दिया।और यह अपने इस कदम से हर लड़की को संदेश दिया कि’हर चीज से बढ़कर अपने जीवन की नायिका बनिए शिकार नहीं।

 

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