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हल्द्वानी में गौला खुलने के तीन दिन बाद भी खनन को नहीं आई कोई गाड़ी

अवैध खनन से उत्तराखंड सरकार को बड़ा लाभ, पिछले साल वन विभाग ने वसूले ढाई करोड़ रुपए

हल्द्वानी: गौला नदी भी पिछले महीने से ही सुर्खियों में बनी हुई है। पहले आपदा आई, आपदा में पुल टूटा, यात्रियों को आवागमन में दिक्कतें हुई। पुल आवाजाही के लिए खोला जा चुका है। वहीं अब गौला मिट्टी ढुलान के लिए भी खुल गई है। मगर ताज्जुब की बात यह है कि गौला खुलने के तीसरे दिन भी कोई वाहन नदी में नहीं पहुंचा।

हर साल ये देखा जाता है कि गौला नदी खुलते ही पहले दिन ही गाड़ियों से उपखनिज का ढुलान शुरू हो जाता था। यही सोचकर वन निगम व ठेकेदार के कर्मचारी सुबह से गेट पर मुस्तैद रहे मगर वाहन स्वामियों ने ही बात आगे नहीं बढ़ाई। ये भी माना जा रहा है कि शायद किराया विवाद और क्रशरों की तरफ से एडवांस रायल्टी जमा ना करना एक बड़ा कारण रहा हो।

गौरतलब है कि अक्टूबर में भारी बारिश हुई थी। जिसकी वजह से गौला नदी उफान पर थी। पानी का बहाव इतना तेज था कि इंदिरानगर के पास स्थित गौला पुल की एप्रोच रोड को ध्वस्त कर दिया था। बहरहाल, पानी की मात्रा बढ़ने के कारण ही इस बार का खनन सत्र लेट शुरू हुआ है। शनिवार को आंवला चौकी गेट से निकासी का शुभारंभ किया गया है।

बता दें कि तीन दिनों से एक भी वाहन निकासी के लिए नहीं पहुंचा है। इसलिए अधिकारियों से लेकर ठेकेदारों तक में तरह तरह की चर्चाएं बनी हुई हैं। डीएलएम वाइके श्रीवास्तव ने जानकारी दी और बताया कि क्रशर के संचालकों के एडवांस रायल्टी जमा नहीं करने से उन्हें बिक्री नहीं हो सकती। दूसरा वाहन स्वामी किराया बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं।

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