हल्द्वानी: कोरोना काल ने बुरे वक्त की सभी सीमाओं को पार कर दिया था। अस्पताल के बेड पर लेटे मरीज जिंदगी की भीख मांग रहे थे तो दूर दराज से आए तीमारदारों की आंखें खाने को ढूंढ रहीं थी। इसी बुरे वक्त में हल्द्वानी की कुछ महिलाओं ने फरिश्ता बनने का संकल्प लिया।
दरअसल इंद्रजीत गार्डन निवासी बलजीत कौर को जब पता चला कि एक अस्पताल में कोरोना मरीज बिना खाना खाए ही दवाईयां खा ली। तबीयत इतनी बिगड़ गई है कि उसे पैरालाइसिस हो गया। तब ही पहला मौका था जब लंगर सेवा टीम की शुरुआत हुई।
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अपने घर के आंगन को ही किचन बनाकर टीम ने भोजन वितरण की मुहिम शुरू की। असहाय लोगों की मदद के लिए करीब डेढ महीने तक टीम की अलग अलग सदस्यों के घऱ पर भोजन बना। जिसके बाद टीम भोजन से गरीबों, असहायों, निराश्रितों का पेट भरने में जुटी रही।
बलजीत कौर के अलावा सुरिन्दर कौर, हरशीन कौर, गुरलीन कौर, हरप्रीत कौर ने लोगों के एक फोन पर खाना पहुंचाया। दरअसल लंगर सेवा टीम के सदस्यों ने अपने-अपने नंबर फेसबुक व वाट्सएप के जरिये फैलाए। जरूरतमंदों के लगातार फोन आने लगे।
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जानकारी के मुताबिक शुरुआत में केवल पांच-छह लोगों से भोजन बांटना शुरू किया। मगर बाद में ये संख्या 50 से 60 लोगों तक पहुंच गई। टीम की सदस्य हरप्रीत को कोरोना संक्रमण ने घेरा मगर टीम ने हार नहीं मानी। परिवार के सदस्यों का भी भरपूर साथ मिला।
सिख परिवार की इस सेवा को हर तरफ तारीफ मिली और आशीर्वाद मिला। बाद में जब कुछ परिवारों में राशन की दिक्कतें हुईं तो राशन की किटें भी वितरित की गईं। बलजीत के अनुसार कोरोना मरीजों के तीमारदारों को भोजन के लिए परेशान होना पड़ता था।
ऐसे में टीम ने इनके साथ बीमारी से भोजन बनाने में असमर्थ लोगों को भोजन बनाकर बांटा। बुजुर्ग मरीजों के लिए खिचड़ी, दलिया आदि इसी तरह का भोजन तैयार कर बंटवाया।
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