Lalit Singh Bisht, Almora story:- उत्तराखंड राज्य वो राज्य है जहां के हर युवा में देश व सेना के लिए अतुल्य सम्मान है। उत्तराखंड के हर गांव हर कस्बे में आपको ऐसे बहुत से युवा मिलेंगे जो सेना में जाने का अतुलनीय जज़्बा रखते हैं। हर गली, हर सड़क में युवा आपको भर्ती के लिए दौड़ते नजर आएंगे। यही कारण है कि उत्तराखंड राज्य ने भारतीय सेना को अपने कई पराक्रमी वीर सौंपे है।
युवाओं में सेना को लेकर यह जज्बा उन्हें कभी सफलता की स्वर्णिम सीढ़ी चढ़ा देता है तो कई बार युवा निराश होकर लौटते हैं लेकिन इस सब के बावजूद भी देशभक्ति का जज्बा कम नहीं होता। एक ऐसी ही कहानी है अल्मोड़ा जिले के ललित सिंह बिष्ट की। ललित सिंह अल्मोड़ा के बारकोट गांव के रहने वाले हैं। एक वक्त था जब ललित दिन–रात सेना में भर्ती होने का ख्वाब देखा करते थे। इस के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और परिश्रम भी किया। 20 से ज्यादा आर्मी भर्ती देने के बावजूद भी किसी ना किसी कारण से उनका चयन रुक जाता और लगातार मिली इस हार से उनका आर्मी में जाने का सपना अधूरा रह गया। लेकिन कहते हैं ना कि हारा वो, जो लड़ा नहीं। अपनी असफलता के बावजूद भी ललित ने हिम्मत नहीं हारी। अपना सपना पूरा नहीं हुआ लेकिन वे सेना में जाने का जज्बा रखने वाले दूसरे युवाओं के सपने को पूरा करने में लग गए। इस के लिए ललित ने अपनी फिजिकल अकैडमी चलाकर सेवा में जाने वाले युवाओं को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। उत्तराखंड के दूरस्थ गांव जहां संसाधन बहुत सीमित हैं, वहां ऐसी प्रशिक्षण अकादमी किसी वरदान से कम नहीं। उनकी इस ही लगन और मेहनत का परिणाम है कि आज उनकी अकादमी से सेना का हिस्सा बने 30 से भी अधिक युवा भारत मां की सेवा में पूरे जी–जान से लगे हुए हैं। ललित ने कहा कि अपने देश की सेवा करने के लिए वे आगे भी इस ही तरह युवाओं को प्रशिक्षण देते रहेंगे और उन्हें सेना में भर्ती के लिए प्रेरित करते रहेंगे।