हल्द्वानी: उत्तराखंड के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों की सूची में शुमार नैनीताल में प्रदूषण पर अधिकतर ध्यान नहीं जाया करता। देखा जाए तो हर वक्त नैनीताल खचाखच भरा रहता है, वाहनों का दबाव रहता है। ऊपर से पर्यावरण में तरह तरह के बदलाव होते हैं। लाज़मी है कि प्रदूषण की जांच जितनी ज़्यादा होगी, उतने ही ज़्यादा उसे कम करने के लिए काम किए जाएंगे।
तो इसी कड़ी में अब नैनीताल में हल्द्वानी की तरह वायू प्रदूषण को मापा जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यहां एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी ने बताया कि एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम नगर पालिका परिसर में स्थापित किया गया है।
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उन्होंने बताया कि मशीन को चालू कर दिया गया है। इसे हफ्ते में दो दिन चलाया जाएगा। फिलहाल इस सिस्टम को हल्द्वानी का स्टाफ ही संचालित करेगा। बाद में स्टाफ बढ़ने पर नैनीताल के लिए अलग से तैनाती की जाएगी। आपको बता दें कि पहले नैनीताल में प्रदूषण का स्तर नापने के लिए हल्द्वानी से मशीन लाई जाती थी। हल्द्वानी में भी हफ्ते में दो दिन प्रदूषण का स्तर मापा जाता है। बहरहाल आपको बता दें कि हल्द्वानी प्रदूषण के मामले में खराब नहीं है।
इसके अलावा प्रदूषण का एक तथ्य और भी रोचक है, वह यह है कि 2020 में प्रदूषण का स्तर सबसे अच्छा रहा जबकि 2014 सबसे खराब। हालांकि साल 2020 में प्रदूषण कम होने का मुख्य कारण यह भी रहा कि कोरोना महामारी के कारण संचालन ठप रहा। ना लोग ही बाहर निकले और ना ही गाड़ियां।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो जल्द ही बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत और पिथौरागढ़ में भी वायु प्रदूषण मापने की मशीनें लगाई जाएंगी। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ.आरके चतुर्वेदी ने बताया कि प्रयास है कि 31 मार्च तक इन स्थानों पर भी मशीनें स्थापित कर दी जाएं।
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