हल्द्वानी: पिछले साल नैनीताल जिले के सनी कश्यप ने अपने साहस का परिचय देकर एक युवक को मौत के मुंह से बाहर निकाला था। अब कक्षा आठ में पढ़ने वाले सनी की हिम्मत को भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा सम्मानित किया जाना है। परिषद ने इस बालक के हौसले की सराहना की है। साथ ही परिषद ने 2020 के पुरस्कार के लिए प्रदेश से दो लोगों को चुना है। जिसमें से सनी भी एक है।
रामनगर निवासी सनी कश्यप की यह कहानी बहुत ही हैरान कर देने वाली कहानी है। दरअसल कोसी नदी में पानी उफान पर था। नदी में 22 वर्षीय रवि कश्यप बह गया। आसपास के लोगों ने शोर मचाया और मोबाइल निकाल कर वीडियो बनानी शुरू कर दी। किसी के दिमाग में डूबते को नदी से बाहर निकालने का ख्याल नहीं आया। मगर यह ख्याल सनी कश्यप के ज़ेहन से दूर नहीं रहा।
जैसे ही सनी की नज़र नदी में बहते रवि पर पड़ी। उसने बिना कुछ सोचे समझे, नदी में छलांग लगा दी। बताया जाता है कि पानी का बहाव इतना तेज़ था कि रवि का हाथ सनी के हाथ से छूट रहा था। मगर एक पत्थर के सहारे से सनी ने युवक को खुद से अलग नहीं होने दिया। फिर कड़ी मशक्कत के बाद वह रवि को ठीक तरह से बाहर निकाल लाने में कामयाब रहा।
सनी की इसी हिम्मत को काफी लोगों, नेताओं और संस्थाओं द्वारा सराहा गया और उसे सम्मानित भी किया गया। अब इसी कड़ी में एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है। सनी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलने वाला है। इसकी घोषणा हो गई है। बता दें कि सनी राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय मोतीमहल (रामनगर) में आठवीं कक्षा में पढ़ता है। सनी के इस साहस के लिए उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने प्रस्ताव भेजा था।
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सनी की मां माया देवी और सनी इस खबर के बाद से ही बेहद खुश हैं। मगर सनी का परिवार पिछले काफी समय से परेशानियां झेल रहा है। सनी के पिता बट्टूमल का निधन नौ साल पहले हो चुका है। अबी सनी, उसका भाई और उसकी मां एक कच्चे घर में रहते हैं, जो कि किराए का है। मां माया देवी लोगों के घरों में चौका बर्तन करके घर चलाती है। बड़ा भाई परचून की दुकान में काम करता है। बेटे की सफलता पर मां माया देवी ने कहा कि बच्चों को हमेशा दूसरों की मदद करने की सीख दी है।
बुधवार रात सनी को पुरस्कार के लिए चयनित होने की सूचना पर आसपास के लोग भी बधाई देने के लिए पहुंचने लगे। उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद की महासचिव पुष्पा मानस ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रामनगर के सनी और पिथौरागढ़ के मोहित उप्रेती को यह सम्मान मिलना काफी गर्व की बात है। आपको बता दें कि पुरस्काल वितरण वार्षिक परीक्षा के बाद होगा। साथी ही ऑलनाइन होगा या ऑफलाइन, यह भी अभी क्लियर नहीं है।
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