हल्द्वानी: शायद ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब प्रदेश के युवाओं और यहां के सैनिकों द्वारा कोई कारनामा सामने ना आता हो। हर दिन उत्तराखंड वासियों को किसी ना किसी खबर के हवाले से यही युवा या हमारे सैनिक गर्व महसूस कराते रहते हैं। गुमदेश के रहने वाले सैनिक बहादुर सिंह धौनी ने रविवार को ढाका में हुई मैराथन में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है।
42 किमी से भी ज़्यादा की मैराथन को महज़ दो घंटे 21 मिनट 40 सेकेंड में पूरा करने के बाद शेख मुजीब ढाका मैराथन में उत्तराखंड के बहादुर सिंह को स्वर्ण पदक मिलने से ना सिर्फ उत्तराखंडी बल्कि भारतवासी भी अतिउत्साहित हैं। आपको बता दें कि बांग्लादेश के सैन्य प्रमुख ने बहादुर सिंह को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।
बहादुर सिंह धौनी मूल रूप से लोहाघाट ब्लॉक के धौनी सीलिंग के रहने वाले हैं। वे वर्तमान में टू नागा रेजिमेंट केआरसी के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट पुणे में एएसआई पद पर तैनात हैं। यह पहला मौका नहीं जब बहादुर सिंह ने ऐसा कुछ कारनामा किया है। बल्कि इससे पहले भी बहादुर बेल्जियम, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया में हुई मैराथन में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय प्रशिक्षक केसी रामू, संस्थान, अपने लोक देवता चौखाम बाबा और क्षेत्रवासियों की सद्भावना को दिया है।
चंपावत निवासी बहादुर सिंह धौनी ने यह स्वर्ण पदक जीत कर सम्मान तो हासिल किया है मगर आपको बता दें कि यह प्रदर्शन बहादुर सिंह का सर्वश्रेष्ठ नहीं है। इससे पहले बहादुर सिंह ने 19 नवंबर 2018 में प्रयागराज में हुई 34वीं अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन 2 घंटे 19 मिनट 12 सेकेंड में पूरी कर प्रथम स्थान पाया था।
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