हल्द्वानीः उत्तराखंड के खिलाड़ी हमेशा से ही अपने खेल से उत्तराखंड का नाम रोशन करते आए हैं। राज्य के प्रतिभशाली खिलाड़ियों ने हमेशा अपने खेल से अपना लोहा मनवाया है। वहीं बात करें नैनीताल जिले की तो कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट के मैदान में कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे राज्य ही नही बल्कि पूरा देश उनके हौसले की तारीफ कर रहा है। साल 2018 में उत्तराखण्ड ने पहली बार क्रिकेट सीजन में भाग लिया और अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीता। उत्तराखण्ड के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने मान्यता मिलने से पहले दूसरे राज्य से खेलना शुरू किया और अपनी प्रतिभा को पहचान दिलाई।
वहीं 13 अगस्त को उत्तराखंड क्रिकेट को पूर्ण मान्यता मिलने के बाद राज्य के खिलाड़ियों में एक अलग सा क्रिकेट के प्रति उत्साह देखा जा रहा है। मान्यता मिलने से पहले कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी या तो क्रिकेट खेलने छोड़ देते थे। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो अपने इस सपने को पूरा करने के लिए जी जान लगा देते हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी है जिन्होंने दूसरे राज्यों से खेलने की राह चुनी। उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। मौजूदा वक्त में विकेटकीपर बल्लेबाज की चर्चा ज्यादा हो रही है। इसकी वजह महेंद्र सिंह धोनी। धोनी अपने क्रिकेट करियर के अंतिम पड़ाव में हैं और उनकी जगह भरने के लिए युवा खिलाड़ियों पर चयनकर्ताओं की पैनी नजर है।
आज हम नैनीताल जिले के 4 ऐसे खिलाड़ियों की बात कर रहें है जिनका अच्छा प्रदर्शन उन्हें विकल्प लिस्ट में जगह दे सकता है।
हल्द्वानी के आर्यन जुयाल ने कुछ दिन पहले भारतीय अंडर- 23 टीम में जगह बनाई हैं। टीम इंडिया का बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली वनडे टीम के लिए उनका चयन हुआ है। इससे पहले आर्यन अंडर-19 टीम के कप्तान रह चुके हैं। आर्यन 2018 में विश्वकप जीतने वाली अंडर 19 टीम के सदस्य भी रह चुके हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की ओर से खेलते हुए उन्होंने सीके नायडू ट्रॉफी में दो शतक जमाए थे। आर्यन जुयाल साल 2017 में अंडर-19 टीम में शामिल हुए थे। साल 2018 में वो टीम के कप्तान बनें। आर्यन घरेलू क्रिकेट में अपने प्रदर्शन के चलते सुर्खियों में रहते हैं। अंडर-19 विश्वकप से पहले विनू मांकड़ ट्रॉफी में वो सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उसी साल उन्हें एनसीए में विकेटकीपिंग कैंप के लिए भी कॉल आया था। आर्यन अब अंडर-23 टीम का हिस्सा हैं और वो किसी भी कीमत में इस मौके को पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेंगे।
रामनगर के अनुज रावत ने काफी कम वक्त में क्रिकेट की दुनिया में अपने नाम को प्रभावशाली खिलाड़ियों की सूची में शामिल किया है। रावत ने साल 2017 में घरेलू क्रिकेट में दिल्ली के लिए डेब्यू किया। दिल्ली के लिए बल्ले से एक शतक और दो फिफ्टी भी निकल चुकी है। अपने प्रदर्शन के दम पर उन्होंने भारतीय अंडर-19 टीम में जगह बनाई। रावत को पिछले साल टेस्ट मैचों के लिए भारतीय अंडर-19 टीम का कप्तान भी बनाया गया था। रावत भी एक विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। अनुज ने अपनी बल्लेबाजी से गौतम गंभीर भी काफी प्रभावित हुए थे और तब से वो दिल्ली टीम के नियमित सदस्य हैं। पिछला सीजन अनुज के लिए भले ही अच्छा नहीं रहा हो लेकिन आने वाले सीजन में अपने कसर पूरी करने की कोशिश करेंगे।
सौरभ रावत का नाम उत्तराखण्ड के उन खिलाड़ियों में आता है जिन्होंने अपने आप को मिले हर मौके को भुनाया है। उत्तराखण्ड की ओर से इस बल्लेबाज ने साल 2018 रणजी सीजन में पहला दोहरा शतक जमाया। पूरे सीजन में सौरभ के बल्ले से 3 शतक निकले। उत्तराखण्ड के लिए खेलने से पहले सौरभ उडीसा के लिए रणजी में खेल चुके थे। सौरभ ने अपने अनुभव का फायदा उत्तराखण्ड टीम को पहुंचाया, नतीजा यह रहा कि राज्य की टीम रणजी के नॉक आउट में जगह बनाने में कामयाब रही।
इसके अलावा हल्द्वानी के वैभव भट्ट साल 2018 में उत्तराखण्ड के लिए घरेलू क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे। विजय हजारे में उनके बल्ले से एक फिफ्टी और रणजी में एक शतक भी निकला था। वैभव चोट के चलते टीम से बाहर हुए थे लेकिन इस सीजन में वो पिछले सीजन छूटी कसर को पूरा करना चाहेंगे।
मौजूदा वक्त में धोनी के स्थान पर ऋषभ पंत को मौके मिल रहे है जो उत्तराखण्ड के ही रहने वाले हैं। मतलब साफ है उत्तराखण्ड की प्रतिभा अपने प्रदर्शन से देश के प्रभावशाली खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो रहे हैं। अगर उनके बल्ले से कमाल हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब राज्य के खिलाड़ी नीली जर्सी पहने नजर आएंगे।