हल्द्वानी: मॉडर्न जगत में अब हर काम ऑनलाइन हो रहा है। शायद ही कोई ऐसी चीज़ होगी जिसे आप ऑनलाइन ना मंगा सकते हों। ऐसे काम जिनके लिए आपको घंटों लाइनों में खड़े होना पड़ता था जैसे बैंक का काम, बिल भरना आदि, अब यह सारे काम घर बैठे मोबाइल और इंटरनेट की मदद से संभव हो रहे हैं। अब जब पूरा ज़माना इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से काम निकाल रहा है तो पुलिस भी पीछे क्यों हटे।
सोशल मीडिया के ज़माने में अब पुलिस हेडक्वार्टर भी ऑनलाइन काम करने का मन बना चुका है। अब मुख्यालय अपने सिपाहियों की समस्याओं को वॉट्सएप मैसेज के जरिए सुनेगा। ट्रांसफर अर्जी, विभाग या व्यक्तिगत परेशानी को सुना जाएगा। डीजीपी अशोक कुमार द्वारा गठित टीम वॉट्सएप पर आए मामलों को देखेगी। इसके अलावा हर हफ्ते खुद डीजीपी भी सभी मामलों और उनके समाधानों की समीक्षा करेंगे।
यह निर्णय लेने के पीछे का कारण साफ है। अधिकतर ऐसा होता है कि पुलिसकर्मी विभागीय अधिकारियों के आगे अपनी परेशानी रखने में झिझकते हैं। उसके बाद औपचारिक तौर पर भी वक्त काफी लग जाता है। यह काम अशोक कुमार ने डीजीपी की कमान संभालने से पहले ही कर दिया था। डीजीपी अशोक कुमार द्वारा गठित टीम में पुलिस उप महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, पुलिस अधीक्षक कार्मिक व पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय को शामिल किया गया है। जिसके बाद मुख्यालय ने वाट्सएप नंबर 9411112780 पर मैसेज कर पुलिसकर्मियों (सिपाही से इंस्पेक्टर) से जुड़ी समस्याओं को सुनने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस हेडक्वार्टर ने बताया कि वॉट्सएप पर मैसेज के ज़रिए मिलने वाली समस्याएं, सुझाव अथवा शिकायत को संबधित एसएसपी, एसपी और सेनानायक व डीआईजी को भेजा जाएगा। इसके अलावा मुख्यालय के लेवल का कोई मामला होगा तो उसका निराकरण वहीं किया जाएगा। बहरहाल इस नियम के आने से थाने-चौकी में तैनात पुलिस जवानों के लिए काफी सुविधा हो सकेगी। साथ ही डीजीपी अशोक कुमार के आदेश के बाद थानों में महिला डेस्क की कवायद भी शुरू हो गई है।
एसएसपी सुनील कुमार मीणा के अनुसार महिलाओं को अपनी समस्याएं लेकर पुलिस के पास आने में झिझक नहीं हो, इसीलिए सभी थानों में महिला डेस्क बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अलग कक्ष में महिला अपनी बात महिला पुलिसकर्मी के समक्ष रख सकेंगी।
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