देहरादून: प्रदेश में शिक्षा का स्तर कितना बढ़ गया हैै, इसका अंदाजा यहां के युवाओं की लगातार होती उन्नति को देखकर ही पता लगाया जा सकता है। चाहे वह, कठिनतम परीक्षाओं में नंबर लाना हो या भारतीय सेना में शामिल होना। उत्तराखंड के युवा किसी से कम नहीं हैं। यहां की शिक्षा गुणवत्ता कितनी बेहतर है, ये नीति आयोग द्वारा जारी की गई ताज़ा एसडीजी इंडेक्स के तीसरे संस्करण की रैंकिंग से मालूम होता है। देश के बड़े राज्यों को पछाड़ कर उत्तराखंड टॉप 4 में शामिल हो गया है।
दरअसल यूएन द्वारा तय किए गए एसडीजी रैंकिंग को लेकर नीति आयेगी ने रिपोर्ट जारी की है। इसमें शिक्षा की क्वालिटी के आधार पर राज्यों को नंबर दिए गए हैं। बता दें की सूची में केरल पहले स्थान पर है। इसे 100 में से 80 अंक मिले हैं। इसके बाद 74 अंकों के साथ हिमाचल दूसरे और 71 अंकों के साथ गोवा तीसरे स्थान पर है। उत्तराखंड को 70 अंक मिले हैं और राज्य चौथे स्थान पर रहा। बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। 29 अंकों के साथ वह अंतिम नंबर पर है।
आपको बता दें कि नीति आयोग की ओर से कराया गया यह सर्वे 2030 तक राज्यों को शिक्षा के क्षेत्र में क्या बेहतर करना चाहिए, इसे लेकर था। जानकारी के अनुसार सारी दुनिया के तमाम देशों के लिए तय जो मानक होते हैं, उन्हीं के आधार पर किए जा रहे कार्य को आधार मानकर यह रैकिंग तय की जाती है।
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समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डा.मुकुल कुमार सती ने सर्वे को करने के कुछ मानकों पर प्रकाश डाला।
1. स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति
2. ड्रॉप आउट बच्चे
3. स्कूलों में शिक्षक
4. कक्षा-कक्ष
5. उपलब्ध सुविधा
उत्तराखंड के लिए इस लिस्ट में चौथे नंबर पर रहना अपने आप में बहुत कुछ बयान करता है। इससे अंदाजा लग जाता है कि प्रदेश शिक्षा को लेकर किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस उपलब्धि पर प्रदेशवासी खासे खुश हैं। इधर, शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी इसे बड़ी उपलब्धि माना है। उन्होंने कहा कि केरल, हिमाचल और गोवा कई सालों से टॉप पर हैं, उत्तराखंड का चौथे स्थान पर आना बड़ी उपलब्धि है, इसके लिए सभी शिक्षकों और छात्रों को बधाई। उन्होंने यह भी कहा कि हम राज्य को पहले स्थान पर लाने के लिए प्रयासरत हैं।
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