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आर्थिक तंगी का रोना रो रहा परिवहन विभाग एक लाख वाहनों से टैक्स वसूलना भूल गया, नजरअंदाज किए 300 करोड़

आर्थिक तंगी का रोना रो रहा परिवहन विभाग एक लाख वाहनों से टैक्स वसूलना भूल गया, नजरअदाज किए 300 करोड़

देहरादून: परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग ने प्रदेश के करीब एक लाख व्यावसायिक वाहन मालिकों से करोड़ों रुपए का टैक्स नहीं लिया है। जी हां, विभाग के अधिकारियों ने पहले तो 295 करोड़ रुपए बकाया टैक्स नहीं लिया और ऊपर से उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

गौरतलब है कि अलग-अलग वजहों से टैक्स भरपाई की राशि परिवहन विभाग को जाती है। बता दें कि प्रवर्तन और वसूली कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही सीधे तौर पर सरकारी खजाने पर चोट करती है। लेकिन उत्तराखंड में किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।

परिवहन विभाग ने सरकार को बताया था कि बस 20-25 करोड़ का टैक्स ही बकाया रह गया है। मगर परिवहन सचिव डॉ. रणजीत सिन्हा के निर्देशों पर फाइलें खुली तो करीब 295 करोड़ रुपए के बकाया टैक्स पर से धूल हट गई। इसमें भी मोटर वाहन अधिनियम के तहत टैक्स बकाया होने पर 25 फीसद जुर्माना बनता है। जिससे ये राशि बढ़कर 370 करोड़ हो जाती है।

परिवहन सचिव के निर्देशों के बाद विभाग के सॉफ्टवेयर खंगाले गए। जिससे पता चला कि कुल बकाया राशि में से 250 करोड़ सात कार्यालयों के हैं जबकि बाकी 25 करोड़ शेष 12 कार्यालयों के हैं। ये राशि एक अप्रैल से अबतक की बकाया राशि है। बता दें कि सचिव भी इन आंकड़ों को देखकर हैरान रह गए।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर में परिवहन विभाग के 19 कार्यालयों में अब तक सिर्फ 662277551 रुपये की वसूली हुई है। जिसमें मैदानी कार्यालयों में कार्रवाई बेहद कम रही। इसी क्रम में सचिव द्वारा सभी आरटीओ-एआरटीओ से जवाब मांगा गया है। बकायेदारों को नोटिस भेजे गए हैं। इसके साथ ही प्रवर्तन में तेजी लाने के आदेश दिए गए हैं।

किस पर कितनी राशि बकाया

कार्यालयों की बात करें तो दून और हल्द्वानी आरटीओ 66.75 करोड़ और 49.66 करोड़ की बकाया राशि के साथ क्रमानुसार टॉप पर हैं। इसके बाद ऊधमसिंहनगर एआरटीओ पर 47.07 करोड़, हरिद्वार एआरटीओ पर 39.57 करोड़, काशीपुर एआरटीओ पर 22.49 करोड़, ऋषिकेश एआरटीओ पर 16.10 करोड़, रुड़की एआरटीओ पर 9.36 करोड़, पिथौरागढ़ एआरटीओ पर 7.16 करोड़, अल्मोड़ा एआरटीओ पर 6.39 करोड़ और टनकपुर एआरटीओ पर 5.22 करोड़ रुपए बकाया है। बता दें कि वाहनों के लिहाज से भारी व बड़े वाहनों पर 160.70 करोड़, आटो, टैक्सी व बस पर 132.67 करोड़ तथा निजी वाहनों पर 2.51 करोड़ रुपए बकाया हैं।

सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा ने बताया कि अधिकारियों द्वारा बताई गई वाहनों के टैक्स बकाया राशि असल से बहुत कम पाई गई है। ये बड़ी अनियमितता है। अभी बाकी के रिकॉर्ड भी मांगे गए हैं। वसूली के लिए प्रवर्तन टीमों को दिन-रात सड़क पर उतारा जाएगा और वाहन मालिक को नोटिस भेजे जाएंगे।

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