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उत्तराखंड में नकलरोधी कानून पर सरकार का फैसला, क्या अब रुकेगा युवाओं का प्रदर्शन?

देहरादून: भर्ती धांधली मामले में युवाओं का पारा चढ़ा हुआ है। गुरुवार को देहरादून में चौंकाने वाली तस्वीरें देखने को मिलीं, जिनमें पुलिस द्वारा युवाओं पर लाठीचार्ज और युवाओं द्वारा पुलिस पर पत्थरबाजी की जा रही थी। युवाओं की एक मांग ये भी रही है कि नकलरोधी कानून जल्द से जल्द बनाया जाए, जिसे लेकर अब सीएम धामी ने अध्यादेश को समर्थन दिया है। अब उसे आगे गवर्नर के पास भेजा गया है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि, “हम हर कीमत पर छात्रों का कल्याण चाहते हैं। इसलिए हमने आने वाली शिकायतों का संज्ञान लेते हुए परीक्षा रद्द कर नई तारीखें जारी कीं। नई तारीखें जारी होने के साथ ही राज्य परिवहन की बसों में परीक्षार्थियों के लिए मुफ्त सवारी उपलब्ध कराई गई।”

सीएम धामी ने आगे जानकारी दी और बताया कि, “हमने कहा था कि हम नकल विरोधी अध्यादेश लाएंगे। राज्य कैबिनेट से मंजूरी के बाद हमने इसे राज्यपाल के पास भेजा है। हमने यह भी तय किया है कि अब होने वाली सभी परीक्षाएं इस अध्यादेश के अनुसार होंगी।” बता दें कि इसके तहत आरोपियों को आजीवन कैद की सजा तथा 10 करोड़ रुपए तक जुर्माना हो सकता है।

अध्यादेश में आरोपितों की संपत्ति भी जब्त करने की व्यवस्था की गई है। फिलहाल तो इस अध्यादेश को आगे की कार्यवाही के लिए राजभवन भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार इस अध्यादेश के अंतर्गत यदि कोई अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में स्वयं नकल करते अथवा नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त मिलेगा तो उसे इन मामलों में तीन साल की सजा और न्यूनतम पांच लाख जुर्माना भरना होगा।

दोबारा दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 10 वर्ष की सजा और न्यूनतम 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान आदि अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाएंगे तो उन्हें भी आजीवन कारावास की सजा और 10 करोड़ रुपए जुर्माना देना होगा। सीएम धामी ने कहा कि भविष्य के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ सरकार नहीं होने देगी।

ये भी हैं नियम

अभ्यर्थी नकल करते पाया गया तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए उसे निलंबित किया जाएगा

दोष साबित होने पर उसे 10 वर्ष के लिए सभी परीक्षा देने से निलंबित कर दिया जाएगा

दोबारा नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल करने से पांच से 10 साल के लिए निलंबित किया जाएगा

दोष साबित होने पर उसे आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया जाएगा

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