उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी ने सभी को चिंतित किया हुआ है। राज्य में अब कुछ शहरों से आए प्रवासियों के लिए 21 दिन का क्वारंटाइन नियम बनाया गया है। इन शहरों में चेन्नई, हैदराबाद, तिरुवल्लुर, कोलकाता, इंदौर, चेंगलपट्टू, साउथ ईस्ट दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, नार्थ-ईस्ट दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, शाहदरा, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली , उत्तर-पश्चिम दिल्ली,हमदाबाद, सूरत, वडोदरा, आनंद, बनासकांठा, पंचमहल, भावनगर, गांधीनगर, अरावली, मुंबई, पुणे, ठाणे, नासिक, पालघर, नागपुर, सोलापुर, यवतमाल, औरंगाबाद, सतारा, धुले, अकोला, जलगांव, मुंबई उपनगर, आगरा, लखनऊ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर यानी नोएडा और ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली, अजमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, जालोर, जयपुर, कोटा, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही और उदयपुर शामिल हैं।
राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने रिकॉर्ड तोड़े हैं। 19 मई को उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मामले 100 से पार हुए थे और अब ये आंकड़ा 1043 पहुंच गया है। प्रवासियों के लौटने के बाद कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन्हें 7 दिन संस्थागत क्वारंटाइन रहना होगा और 14 दिन होम क्वारेंटीन में बिताने होंगे। इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटीन से घर जाते वक्त इन्हें एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें लिखा होगा कि वो 14 दिन तक घर पर ही रहेंगे। इस दौरान वो बाहर घूमते मिलें या किसी से मुलाकात की तो उनके खिलाफ कार्यवाही होगी। इससे पहले भी क्वारंटाइन नियम तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर चुकी है।