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मां की नौकरी से प्रभावित होकर बेटी बन गई IAS अधिकारी, UPSC के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी !


नई दिल्ली: राजस्थान भारत को सबसे ज्यादा आईएएस ऑफिसर देने वाला राज्य है। UPSC परीक्षा पास करना हर किसी का सपना होता है हालांकि कुछ ही युवा IAS अधिकारी बन पाते हैं। वैसे यूपीएसई के सपने को पूरा करने के लिए कई युवा सरकारी नौकरी को भी छोड़ देते हैं। ऐसा ही कुछ अजमेर जिले की रहने वाली परी बिश्नोई ने किया। नेट जेआरएफ क्लियर करने के बाद उनके पास सरकारी नौकरी का मौका था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और UPSC के सपनो को नहीं छोड़ा। साल 2019 में यूपीएसई परीक्षा उत्तीर्ण कर परी ने देश में 30वां स्थान हासिल किया था।

अजमेर जिले की रहने वाली परी बिश्नोई के पिता मनीराम बिश्नोई एक एडवोकेट हैं और उनकी मां सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी थानाधिकारी के पद पर हैं। वहीं उनके दादा चार बार गांव के सरपंच रहे थे। परी ने सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया। दिल्ली में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सेवा में जाने का फैसला किया और तैयारी शुरू कर दी। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद परी ने अजमेर के एमडीएस विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। यूपीएसई की तैयारियों के बीच उन्होंने नेट जेआरएफ क्लियर की लेकिन सिविल सेवा की तैयारी जारी रखी और 2019 में कामयाबी हासिल की।

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परी इस कामयाबी का श्रेय अपने परिवार को दिया है। उन्होंने बताया कि मां को काम करता देख ही उन्हें आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा। कठिन वक्त में मां ने ही उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए नियमित रूप से पढ़ाई और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस के अलावा टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान देना जरूरी है।

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