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हरियाली की मिसाल बनेगा उत्तराखण्ड:लड़ियाकाटा पौधालय में हर साल उगाए जाते हैं बीस हजार पौधे

 

भवाली:नीरज जोशी: आज हर जगह कटते जंगलो से जहाँ ग्लोबलवार्मिंग का खतरा बढ़ रहा है। इसका असर जंगली जानवरों पर भी पड़ता है। जंगलो के कटने से गर्मी तो बढ़ती ही है लेकिन जंगली जानवर भी उस जंगल से पलायन कर जाते है। जानवरों के पलायन को रोकने व जंगलों को फिर से हरा भरा करने के लिए भवाली लड़ियाकाटा पौधसालय में जायका द्वारा बीस से पच्चीस हजार पेड़ हर वर्ष उगाये जाते है। दो हेक्टयर में फैले इसके क्षेत्रफल में तेज पत्ता हिसालू किलमोडा तुसेरा काफल हर तरह के जंगली वृक्ष उगाये जाते है। 


पौधसालय प्रभारी सतीश सिंह बोरा ने बताया की उत्तराखंड में यह सबसे पहला पौधसालय है जो हाई टेक तरीके से पौधों को हाईटेक कम्पोस्ट के जरिये उगाता है। उन्होंने बताया कि हर साल उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना ( जायका) द्वारा बीस से तीस हजार वन्य पौधे यहाँ पर उगाये जाते है। फिर एक समय के बाद उन्हें लगाने के लिए भेज दिया जाता है। साथ ही बंदरगाह प्रभारी दिनेश चंद्र पंत ने बताया की किसी भी मौसम में किसी भी पेड़ की पैदावार के लिए यहाँ हाईटेक पॉलीहाउस है। अगर किसी पौधे का समय मार्च अप्रैल के है तो उसे यहा विभिन्न संसाधनों द्वारा श्रमिको की देख रेख में अगस्त सितंबर में भी उगाया जा सकता है। फिर पूड रूप से अंकुरित हो जाने के बाद उसे जंगल मे लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा की अगर जंगल बचाने है तो हमे ज्यादा से ज्यादा पेड़ो को लगाना होगा साथ ही लोगो को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना होगा। जिससे जंगलों को बचाया जा सके।

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