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भारतीय वायुसेना की शक्ति बढ़ाएंगे राफेल लड़ाकू विमान

नई दिल्ली। भारत के लिए आज का दिन एतिहासिक रहा। भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील पर आज हस्ताक्षर हो गए। इस डील के लिए भारत दौरे पर आए फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत फ्रांस से अरबों रुपये के खर्च कर 36 राफेल विमान खरीद रहा है। ये सौदा कुल 7.8 बिलियन यूरो में हो रहा है। बात पिछले 20 साल की करें तो  ये लड़ाकू विमानों की खरीद का पहला सौदा है। उनके साथ देसाल्ट एविएशन, थेल्स और एमबीडीए के सीईओ के साथ शीर्ष सरकारी अधिकारी भी शामिल रहे।इससे पहले भारतीय वायुसेना को शक्ति देने और अत्याधुनिक तकनीक से लैस करने के फैसले के तहत मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के सौदे की मंजूरी दे दी है

फ्रांस में राफेल का मतलब तूफान होता है। बीते महीने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी कहा था कि राफेल डील अब ‘निर्णायक अवस्था’ में है। पिछले 20 साल में यह लड़ाकू विमानों की खरीद का पहला सौदा होगा। इसमें अत्याधुनिक मिसाइल लगी हुई हैं जिससे भारतीय वायु सेना को मजबूती मिलेगी। रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने राफेल डील को अच्छा सौदा बताते हुए कहा कि ये सौदा बेहतर शर्तों पर किया गया एक बेहतरीन सौदा है।

इस सौदे के लिए बातचीत 1999-2000 में शुरू हुई थी। लेकिन सौदा किसी ना किसी कारण से अटका हुआ था। रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस लड़ाकू विमान की खरीद पर यूपीए सरकार के समय की कीमत से करीब 560 करोड़ बचा रही है। राफेल सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर यानी 2019 में विमान आना शुरू हो जाएंगे। सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जाएंगे।

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