Rajasthan

महिला दलित पर अत्याचार व वैट घटाने के मुद्दो पर बीजेपी ने उठाए सवाल, अभी से चुनाव की तैयारी शुरू

जयपुर बीते दिनों राजस्थान मे हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था । जिसके बाद से बीजेपी के कार्यकर्ता काफी हताश नज़र आए । लेकिन वहीं चुनाव हारने के गम में समय बर्बाद ना करते हुए बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक की गई । बैठक में 4 बड़े टास्क राजस्थान बीजेपी को केन्द्र पार्टी नेतृत्व ने दिए हैं।

सबसे पहला जरुरी टास्क जो की पार्टी के टॉप लीडरशिप ने बताया कि राजस्थान में महिलाओं और दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे है । जो कि कंट्रोल से बाहर हो चुके है। दूसरा, राजस्थान की कांग्रेस सरकार राज्य में वैट कम नहीं कर रही है । जबकि पहले कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हल्ला मचा रही थी और केन्द्र पर ज़ोर डाल रही थी । अब अपनी जिम्मेदारीयों से कांग्रेस और उसकी सरकार पिछे हट रही है और फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केन्द्र से ही वैट कम करने का आग्रह कर रहे हैं।

तीसरा, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए इस साल 25 दिसंबर यानी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती तक सभी मतदान केंद्रों में बूथ समितियों का गठन करने की बात की है। चौथा, बीजेपी पार्टी के स्थापना दिवस 6 अप्रैल 2022 तक पूरे प्रदेश में पन्ना प्रमुखों की समिति का गठन कर दिया जाएगा । प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को बूथ लेवल तक सुनने की व्यवस्था तक पूरी होगी ।

बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि इन सभी मुद्दों को राजस्थान की आम जनता तक लेकर जाना है। उन्हें बताना है कि कांग्रेस के व्यवहार और करनी-कथनी में कितना अंतर है। कांग्रेस ने कभी अपने वादे पूरे नहीं किए और अब वह जनता के साथ खेल खेलती है।

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में राजस्थान प्रदेश बीजेपी मुख्यालय से 8 नेता वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े थे । इनमें प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़, राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राज्यसभा सांसद ओपी माथुर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और विशेष आमंत्रित सदस्य अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा और लोकसभा सांसद जसकौर मीणा शामिल रहे।

इन सभी मुद्दो पर इसी बैठक के दौरान गंभीर चर्चा की गई और सभी अहम जिम्मेदारियां नेताओं के बीच सौंपी गई । दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा समेत राष्ट्रीय कार्यसमिति के 124 मेम्बर्स बैठक में मौजूद रहे। बैठक में बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हुए थे ।

उपचुनाव में पार्टी की हार पर अभी बीजेपी नेतृत्व ने ध्यान नही दे करके देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की ओर सभी प्रदेश नेताओं का ध्यान खीचा है । सबसे ज्यादा विभानसभा सीटों वाले उत्तरप्रदेश में केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ राजस्थान से आने वाले केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल को सह प्रभारी बताकर दलित वोट बैंक और चुनाव मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सौंपी गई है । अर्जुनराम मेघवाल रिटायर्ड आईएएस हैं। पार्टी उनके एडमिनिस्ट्रेटिव क्षमता का सहीं जगह इस्तेमाल करना चाहती है । शायद अब बीजेपी भी कांग्रेस की तरह ही सियासी खेलों में सावधानी से खेलना सीख रही है ।

पंजाब विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि वहां कांग्रेस की मौजूदा सरकार है। वहां राजस्थान से आने वाले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को प्रभार दिया है। ताकि चुनाव अच्छे बहुमत के साथ जीतकर कांग्रेस से राज्य को छीन लिया जा सके। पार्टी ने राजस्थान से ही सांसद और केंद्रीय वन, पर्यावरण, श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव को मणिपुर का प्रभार सौंपा है। भूपेन्द्र यादव पर बीजेपी की सरकार बचाने की पूरी जिम्मेदारी है । राजस्थान की हार से सीख लेकर बीजेपी अब अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर 2022 के उपचुनाव में पलटवार करने के लिए तैयारियों में जुट गई है ।

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