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कांग्रेस में शामिल उदित राज , दिल्ली के बाहर से लड़ेंगे चुनाव ?

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी से टिकट न मिलने के बाद सांसद उदित राज ने बड़ा फैसला किया है। अपनी नाराजगी जाहिर करने के बाद उदित राज ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया है। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उदित राज का पार्टी में स्वागत किया। उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से 2014 में बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले उदित राज को इस बार मौका नहीं दिया गया है। बुधवार को बीजेपी प्रत्याशियों की सूची में नाम न आने के बाद से ही उदित राज विरोधी मूड में नजर आ रहे थे। यहां तक कि उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर नाम के आगे से चौकीदार शब्द भी हटा दिया था।हालांकि, बुधवार को सूची में नाम आने से पहले ही उदित राज ने यह मुद्दा उठाना शुरू कर दिया था। उदित राज ने 22 अप्रैल को ट्वीट कर लिखा था कि अमित शाह, अरुण जेटली समेत कई नेताओं से बातचीत की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनसे बात नहीं हो पा रही है। उदित राज ने यह भी लिखा था कि वह उम्मीद करते हैं कि बीजेपी दलितों को धोखा नहीं देगी।इसके बाद बुधवार को ही बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया और उत्तर पश्चिम सीट से मशहूर गायक हंसराज हंस को प्रत्याशी बना दिया। टिकट कटने के बाद उदित राज ने सार्वजनिक तौर पर अपना गुस्सा जाहिर किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उनकी अरविंद केजरीवाल से बात हुई है, जिन्होंने कहा था बीजेपी टिकट नहीं देगी। इसके अलावा उदित राज ने यह भी बताया था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार संसद में उनसे कहा था कि वो गलत पार्टी में है। अब जबकि उदित राज को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है तो उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के आगे लगा चौकीदार शब्द भी हटा लिया है।एक तरह से यह भी कहा जा रहा है। उदित राज ने पार्टी चुनने में काफी देर कर दी है। अगर उदित राज एक हफ्ते पहले पार्टी बदलते तो शायद तस्वीर कुछ और ही होती। कांग्रेस के आलावा उदित राज ने आम आदमी पार्टी से बात होने की बात भी कबुली है। एक तथ्य ये भी है कि दिल्ली में सात सीटों पर हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की मियाद 23 अप्रैल को ही खत्म हो गई है। दूसरी तरफ उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से कांग्रेस राजेश लिलौथिया को प्रत्याशी बना दिया है। ऐसे में ये बात तो स्पष्ट है कि अब उदित राज के पास अपनी इस सीट से चुनाव लड़ने का मौका नहीं बचा है। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस उन्हें किसी अन्य राज्य से चुनाव लड़ाती है।

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