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हल्द्वानी का नाम हुआ रौशन,बेटी चैतन्या का हुआ सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में चयन

हल्द्वानी: शहर का मान एक बार फिर बढ़ा है। हल्द्वानी की बेटी चैतन्या भारती का चयन देश के विख्यात सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में चयन हुआ है। उन्होंने ये कामयाबी बिना कोचिंग के हासिल की है। ये कामयाबी इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि अभी तक घोड़ाखाल सैनिक स्कूल में केवल लड़कों को ही प्रवेश मिलता था लेकिन अब बेटियां भी सैनिक स्कूल में पढ़ेगी और भारतीय सेना में शामिल होने का सपना साकार करेंगी। चैतन्या के पिता का नाम अनुराग भारती और मां का नाम मनीषा भारती है।

चैतन्या श्रीपुरम स्थित edu mount international school की छात्रा है। उनके परिजनों ने स्कूल को इस कामयाबी का श्रेय दिया है। उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद भी स्कूल ने बच्चों की पढ़ाई गंभीरता से लिया। ऑनलाइन क्लासेज बिल्कुल स्कूल की कक्षाओं की तरह थी। उन्होंने कहा कि स्कूल का स्लैबस बच्चों को भविष्य की परीक्षाओं के लिए तैयार कर रहा है। वहीं स्कूल की प्रधानाचार्य नम्रता सेन ने कहा कि बिना कोचिंग के घोड़ाखाल की परीक्षा क्लियर करना चैतन्या के परिश्रम को दिखाता है। नियमित रूप से पढ़ाई करने करने से आप प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होते हैं। उन्होंने चैतन्या को बधाई व भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

बता दें कि देश में अभी तक सैनिक स्कूलों में केवल लड़कों को ही एडमिशन दिया जाता था। रक्षा मंत्रालय ने दो साल पहले वर्ष 2018-19 में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मिजोरम के सैनिक स्कूल चिंगचिंप में पहली बार लड़कियों को दाखिला दिया था। वही शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसाइटी ने देशभर में पांच सैनिक स्कूलों को इसके लिए चुना था और इनमें उत्तराखंड का सैनिक स्कूल घोड़ाखाल भी शामिल था। ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम के जरिए छात्रों को सैनिक स्कूल में कक्षा 06 और कक्षा 09 एडमिशन दिया जाता है। कक्षा में दाखिले के लिए छात्र की उम्र10 से 12 साल होनी चाहिए जबकि कक्षा 09 में एडमिशन के लिए छात्र की उम्र 13 से 15 साल तय की गई है। 

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