हल्द्वानी: सरकारी खाद्यान्न को लेकर किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खासकर फर्जी तरह से राशन ले रहे उपभोक्ताओं पर तो खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने लगाम लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। विकासखंड हल्द्वानी के सवा लाख राशन कार्डों की जांच दोबारा शुरू कर दी गई है। पहले चरण में ब्लॉक के पांच वार्ड और पांच गांवों के कार्डों की जांच शुरू हो गई है।
दरअसल होता यह है कि कई उपभोक्ता अपनी आय कम बताकर सरकारी राशन का मज़ा उठाते रहते हैं। मतलब पांच लाख से ऊपर की आय होने के बावजूद कुछ लोग राशन कार्ड के फायदे ले रहे हैं। ऐसे में पहले भी कई बार फर्जीवाड़ा पकड़ा जा चुका है। इस बार दोबारा हल्द्वानी में जांच शुरू हो गई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की मानें तो ग्राम विकास अधिकारियों, पटवारियों की टीम प्रत्येक वार्डों में जाकर राशन कार्डों का भौतिक सत्यापन कर रही है।
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अब चूंकि फर्जीवाड़ा तो फर्जीवाड़ा है, इसलिए सज़ा भी बड़ी है। झोल पकड़े जाने पर राशन कार्ड तो निरस्त होगा ही। इसके साथ ही कार्ड धारक पर केस भी हो सकता है। आपको बता दें कि पहले भी जांच में कई एक मामले सामने आए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऐसे 500 लोगों को चिह्नित कर नोटिस भेजा था। बीते साल में विभाग ने ऐसे एक हजार राशन कार्ड निरस्त किए थे।
राशन कार्ड में आय प्रमाण पत्र की अनिवार्यता 2014-15 से लागू की गई थी। तभी से इस तरह के केस सामने आए हैं। लिहाजा तहसील कार्यालयों में जिनकी पकड़ तह तक है, उन्होंने यह फर्जी काम कर के काफी रुपए कमाए।
बहरहाल आपको बता दें कि 2014-15 से पहले राशन कार्ड के लिए किसी आय प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं थी। अब क्योंकि हल्द्वानी नगर निगम का क्षेत्र कम होने के साथ अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र को भी खुद में समेटे हुए था। ऐसे में ग्राम प्रधान ही कार्ड बनवाते थे। तब ग्राम प्रधान अपने मन मुताबिक राशन कार्ड बना देते थे, इसलिए आय प्रमाण पत्र ज़रूरी किया गया। मगर अब इसमें भी झोल सामने आ रहे हैं।
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