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हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन को कोर्ट की लताड़, किसने दिया स्कूल बंद करने का हक !

हल्द्वानी: सरकार द्वारा एनसीईआरटी किताबों के लागू करने के विरोध पर उतरे हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन का स्कूल बंद करने का फैसला उन्हें मुश्किल में डालता दिख रहा है। कोर्ट में सोमवार को नवीन कपिल और दिनेश चंदौला द्वारा दायर की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इस फैसले असंवैधानिक करार दिया। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता दुष्यंत मिनाली के अनुसार इस मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने नोटिस में पूछा है कि हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन (गोपाल बिष्ट अध्यक्ष) इस तरह का गंभीर फैसला लेने का हक किसने दिया जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है?

बता दें कि पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने शनिवार को सरकार द्वारा जारी एनसीआरटी किताबों के लागू करने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने इसके चलते शहर के प्राइवेट स्कूलों को 8 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय लिया था। इस फैसले के बाद भी कई प्राइवेट स्कूलों के संचालक स्कूल बंद ना करने के पक्ष में थे। रेनबो एकेडमी स्कूल के प्रबंधक आरके शर्मा ने बताया कि ये फैसला केवल अभिभावकों और छात्रों को नुकसान पहुंचा रहा है। स्कूल बंद करने का निर्णय जायज नहीं था। प्राइवेट स्कूलों को अगर एनसीआरटी की किताबे लागू करने से परेशानी है तो वो राज्य सरकार से संपर्क करें ना की छात्रों को भविष्य के साथ खिड़वाड़ करें। उन्होंने कहा कि स्कूल को शिक्षा के मंदिर के रूप से देखा जाता है और इस तरह के फैसले उसकी छवि पर दाग लगाते हैं।

बता दे कि रविवार को स्कूल बंद की खूर के सामने आने के बाद अभिभावकों का आक्रोश सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रहा था।शहर के अभिभावकों ने बच्चों के हक और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए अभिभावक संघर्ष समिति गठित कर दी हैं। पंडित मदन मोहन जोशी के संयोजन में गठित समिति में गुरुचरण सिंह, योगेंद्र सिंह बिष्ट, शैलेंद्र जोशी, जितेंद्र सिंह, अचिंत चड्ढा, विक्की राठौर, विपिन पांडे, बीनू दीदी, नवीन चंद्र जोशी, संजय पंत, हेमंत साहू शामिल हैं।

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