देहरादून: प्रदेश के दूरगामी इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के साथ ही पेट्रोल पंप ना होने से भी कई बार समस्या खड़ी हो जाती है। कई दूरस्थ इलाकों में पेट्रोल पंप ना होने से दिक्कतें आती हैं। इन जगहों में पेट्रोल पंप ना बनने का बड़ा कारण दो नियम हैं। जिन्हें अब राज्य सरकार संशोधित करने की तैयारी कर रही है।
लाजमी है कि उत्तराखंड में पेट्रोल पंप खोलने की राह अभी इतनी आसान नहीं है। इसे मुश्किल बनाते हैं पेट्रोल पंप खोलने के लिए बने दो नियम। पहला ये कि पेट्रोल पंप वाली जगह की दूरी सड़क से करीब 300 मीटर होनी चाहिए।
दूसरा नियम ये कि जिस जमीन पर पेट्रोल पंप लगाया जा रहा है, उसके सर्किल रेट के हिसाब से कुल मूल्य का 75 प्रतिशत कंवर्जेशन शुल्क देना होता है। इन्हीं की वजह से कई दूरस्थ इलाकों में आज तक पेट्रोल पंप नहीं खुल पाए हैं।
शहरी विकास विभाग इन नियमों में संशोधन करने जा रहा है। माना जा रहा है कि अब सरकार एक तरफ सड़क से 300 मीटर दूरी के नियम में शिथिलता देने की तैयारी में है तो वहीं कंवर्जेशन शुल्क के मामले में भी राहत प्रदान करने की प्लानिंग कर रही है।
उत्तराखंड कैबिनेट में शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे बंशीधर भगत ने कहा कि पेट्रोल पंप लगाने के सख्त नियमों को संशोधन के साथ ढीला किया जाएगा। जिससे दूरस्थ इलाकों में भी पेट्रोल पंप खुल सकें।
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