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नवदीप सैनी की अद्धभूत कहानी, अपना अभ्यास करने के लिए मां को कराते थे बल्लेबाजी

नई दिल्ली: भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर हैं। टी-20 सीरीज में उसने 2-0 की बढ़त बना ली है। इस सीरीज़ में नवदीप सैनी काफी वायरल हुए। पहले टी-20 डेब्यू उन्होंने डेब्यू किया और तीन विकेट हासिल किए। सैनी ने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया है। रणजी और आईपीएल में बल्लेबाजों को परेशान करने वाले इस गेंदबाज ने सबसे पहले अपनी मां को गेंदबाजी करना शुरू किया था।

नवदीप सैनी हरियाणा के करनाल जिले में स्थित तरौरी कस्बे के एक गांव के रहने वाले हैं। वो वहीं बड़े हुए और वहां से ही उन्होंने अपना क्रिकेट करियर भी शुरू किया। नवदीप के गांव में क्रिकेट खेलने के पर्याप्त संसाधन नहीं थे। यहां के लोग खेती, फैमली बिजनेस और सरकारी नौकरियों पर निर्भर हैं।  नवदीप के पिता हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर थे और दिन के अधिकतर समय अपनी ड्यूटी पर रहते। सैनी के बड़े भाई विदेश में सेटल होने के लिए प्रयास करने में व्यस्त थे।

नवदीप सैनी का कोई ऐसा साथी नहीं था जिसके साथ वह क्रिकेट खेल सकते थे। कभीकभी वो अपनी मां को गेंदबाजी करते थे। मां के हाथ में बल्ले के रूप में हाथ में मिट्टी के बर्तन होते थे। जब मां खेलने से इंकार कर देती थी तो सैनी मिट्टी के बर्तन का विकेट बनाते थे। जब गेंद उनपर लगती थी और टूटकर दूर गिरते थे तो नवदीप को काफी खुशी मिलती थी।

नवदीप ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत साल 2013 में की । उन्होंने दिल्ली रणजी टीम में जगह मिली थी। दिल्ली के सीनियर बल्लेबाज गौतम गंभीर भी सैनी की गेंदबाजी के मुरीद हैं। सैनी ने दिल्ली के लिए 43 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 120 विकेट हासिल किए हैं।

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