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बंगाल में ममता के फैसले से हुआ साफ, INDI गठबंधन टूट गया है


West Bengal TMC Announcement: Loksabha Election 2024 Update: INDI Alliance Update:

लोकसभा 2024 चुनाव से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर पश्चिम बंगाल से सामने आ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर अपने सांसद प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। ममता बनर्जी द्वारा अचानक की गई इस घोषणा ने टीएमसी के INDI गठबंधन के साथ जुड़ने की अंतिम संभावनाएं भी समाप्त कर दी हैं। आपको बता दें कि लोकसभा के नेता विपक्ष और पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन के संसदीय क्षेत्र बहरामपुर से टक्कर देने के लिए टीएमसी ने पूर्व क्रिकेटर युसुफ पठान को 2024 के चुनावी रण में उतारा है।

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INDI गठबंधन की बैठकों में ममता ने पहले भी अपने मुद्दों पर कांग्रेस द्वारा हो रही अनसुनी को लेकर नाराज़गी जताई थी। INDI गठबंधन से तालमेल की कमी और राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में ना बुलाए जाने से नाराज़ ममता बनर्जी ने INDI गठबंधन छोड़ने से पहले कई बार सीधी और तीखी टिपण्णी भी की थी। माना जा रहा है था कि 31 दिसंबर 2023 तक INDI गठबंधन सभी राज्यों में अपने सहयोगी दलों के साथ सीट समझौता कर लेगी और सभी की राय लेकर और आवश्यकताओं पर निर्णायत्मक चर्चा कर लोकसभा चुनाव के लिए आगे बढ़ेगी। इन सभी कयासों के बीच कांग्रेस का सीट शेयरिंग फार्मूला समय-समय पर फेल होता रहा और ममता बनर्जी ने जनवरी में ही पश्चिम बंगाल में बिना कांग्रेस से हाथ मिलाए अकेले चुनाव लड़ने का बयान भी दे दिया। 10 मार्च 2024 रविवार को टीएमसी द्वारा बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर सांसद प्रत्याशियों की घोषणा के बाद यह साफ़ है कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ रही है।

टीएमसी पर अपने तीखे बयानों से हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाले अधीर रंजन चौधरी को बंगाल में हुए इस बड़े उलटफेर का कारण बताया जा रहा है। बता दें कि INDI गठबंधन की कर्नाटक में हुई दूसरी बैठक के बाद अधीर रंजन ने ममता पर लोकतंत्र की हत्या करने और पश्चिम बंगाल के निवासियों के सभी अधिकारों के साथ छेड़-छड़ करने के कई गंभीर आरोप लगाए थे। हाल ही में संदेशखाली से सामने आए महिला अत्याचार और उत्पीड़न के मामले में टीएमसी नेता के शामिल होने से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को जितना नुक्सान हुआ उससे ज़्यादा नुक्सान अधीर रंजन के बयानों से टीएमसी की छवि को हुआ है। यही कारण है कि अधीर रंजन के लोकसभा क्षेत्र से पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान को मैदान में उतारा गया है जिन्हें अधीर भी कद्दावर नेता मान रहे हैं।

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