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किराये पर जा रहे उत्तराखण्ड के इंटरनेशनल स्टेडियम, सरकार के लिए सिर दर्द बना खर्चा

हल्द्वानीः उत्तराखंड को एक साथ दो इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की सौगात मिलने से जहां राज्य की जनता काफी खुश थे। वहीं उत्तराखंड सरकार दो-दो इंटरनेशनल स्टेडियम के खर्च के बौज से दबती नजर आ रही है। देहरादून के स्टेडियम में जहां कुछ इंटरनेशनल मैच खेले जा चुके हैं। तो वहीं हल्द्वानी में मैच नहीं हो पा रहे है। यही कारण है कि सरकार ने हल्द्वानी के नवनिर्मित इंदिरा गांधी स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स को भी अब निजी कंपनी को सौंपने की तैयारी करनी शुरू कर दी है। जल्द ही निर्माता कंपनी द्वारा स्टेडियम खेल विभाग के सुपुर्द कर दिया जाएगा। जिसके बाद पीपीपी मोड के तहत टेंडर प्रक्रिया से किसी निजी कंपनी को स्टेडियम की चाबी सौंप दी जाएगी।हल्द्वानी के इंटरनेशनल स्टेडियम में अब तब करीब 170 करोड़ रुपये लगा दिये गये है। पर मैच ना होने से सरकार इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को अब निजी हाथों में सौंपने का मन बना चुकी है। वहीं सरकार ने निजी कंपनी को देने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है। आदर्श आचार संहिता के हटने के तुरत बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी, जिसके माध्यम से योग्य कंपनी जिम्मेदारी उठा सकती है।दरअसल स्टेडियम को निजी कंपनी को सौपने के पीछे स्टेडियम के रख-रखाव में खर्च को बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो स्टेडियम में लगभग हर माह 10 से 15 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। जिसके कारण सरकार को कुछ हद तक घाटा होता दिख रहा है, जिसके कारण सरकार ने स्टेडियमों को निजी कंपनी को देने पर विचार कर रही है।हल्द्वानी के इंदिरा गांधी स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में दस हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा स्टेडियम के दूसरे छोर पर इंडोर स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स भी बना हुआ है। जिसमें स्वीमिंग पूल, बैडमिंटन हॉल, टेबल टेनिस समेत अन्य इंडोर खेलों के हॉल बने हुए हैं। इंडोर स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स को भी पीपीपी मोड पर दिया जाएगा।

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खेल अधिकारी प्रताप सिंह शाह (खेल निदेशक) ने बताया कि शासन स्तर पर स्टेडियम को पीपीपी मोड पर देने की बात उठी थी। आचार संहिता के बाद स्टेडियम को पीपीपी मोड पर देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

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