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अल्मोड़ा- कब मिलेंगे डॉक्टर!! कब मिलेगा उपचार !!

अल्मोड़ा: उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं का भगवान ही मालिक है। पहले तो पहाड़ी इलाका होने के कारण अच्छे सरकारी अस्पतालों की संख्या कम है । राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए है जहां उपचार ना मिलने की वजह से किसी की जान गई है। कई उपचार की मशीने ठप पड़ी है कही डॉक्टरों की कमी। कुछ दिन पहले हल्द्वानी में कुमाऊं कमिश्नर ने सुशीला तिवारी अस्पताल की हाताल देखकर दुख जाताया था। और व्सवस्था ठीक करवाने के लिए उन्हें असप्ताल प्रशासन को धमकी देनी पड़ी थी।  अब मामला अल्मोड़ा जिला अस्पताल का है, जहां पिछले चार दिनों से अल्ट्रासाउंड सुविधा ठप पड़ी है। दूस से इलाज कराने आए लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। इसके साथ ही अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के दो पद सृजित हैं, इनमें से एक डॉक्टर अवकाश पर है और दूसरे डाक्टर की ड्यूटी इमरजेंसी में लगाई गई है, जिसके कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों को सही से इलाज नहीं मिल पा रहा है। अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर की मौजूदगी नहीं होने से महिलाओं को बिना अल्ट्रासाउंड के ही लौटना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में इलाज ने मिलने के कारण उन्हें मजबूर होकर  प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है।  बता दें कि लोगों का इलाज करने के लिए जिला अस्पताल में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक एवं सीएमएस समेत कुल 26 पद सृजित हैं, लेकिन इनमें से केवल 9 डॉक्टर ही अस्पताल में तैनात हैं। आम जनता द्वारा इस मामले में कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई सुनवाई करने वाला नहीं हैं।

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