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हल्द्वानी:नाबालिग बेटी की शादी करा रहे थे परिजन,मौके पर पहुंची टीम ने पढ़ाया नियमों का पाठ


हल्द्वानी: बाल विवाह अपराध है, ये बात सब जानते हैं। लेकिन फिर भी इस तरह के अपराध रुकने का नाम ही नहीं लेते। अजीब तो ये है कि लोग आवाज़ तक नहीं उठाना चाहते। शादी कर रहे परिवार को रोकने जाओ तो तरह तरह के बहाने या बहस झेलनी पड़ती है। हल्द्वानी में इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र से एक और मामला सामने आया है। सोमवार को रामपुर से बरात आने वाली थी। जानकारी के अनुसार महज़ 15 साल की बेटी की शादी की जा रही थी। लड़का भी नाबालिग बताया गया है। अब पूरे इंतजाम हो रखे थे केवल बरात के आने का इंतज़ार था। इतने में बाल कल्याण समिति सदस्य शेखर संगीता राव व बाल आश्रय गृह के समन्वयक रविंद्र रौतेला मौके पर धमक पड़े।

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ये देखकर पहले तो परिवारजन परेशान हो गए। मगर बाद में बाल विवाह को रुकवाने की बात पर सभी बिगड़ गए। घर के सदस्य तो उलझे ही, पड़ोसी भी उनके साथ हो लिए। स्वजन बोले बड़ी मुश्किल से अच्छा रिश्ता मिला है। इसलिए किसी भी तरह की दखलअंदाजी ना की जाए। हम गरीब परिवार वालें हैं, शादी को हो जाने दीजिए। लेकिन कल्याण समिति सदस्य शेखर संगीता राव ने उनकी एक ना सुनी और पुलिस का डर दिखाकर स्वजनों को मना ही लिया।

दरअसल दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लड़की के स्वजनों को कानून का पाठ भी पढ़ाया। उन्हें बताया कि बेटी की शादी 18 वर्ष से पहले करना गैरकानूनी है। इन नियमों का उल्लंघन करना जेल भी भेज सकता है। शादी 18 साल तक नहीं करने की लिखित सहमत लेने के बाद ही वह वापस लौटे। बाल विवाह का यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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