Nainital-Haldwani News

अब तो नैनीताल तक पहुंच गया प्रदूषण, 100 माइक्रोग्राम घनमीटर से ऊपर पहुंची मात्रा

Air pollution rise in Nainital due to forest fire:- उत्तराखंड के कुमाऊं में आग की लपटों के कारण जंगलों को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। जहां एक और वन संपदा जलकर राख हो रही है, वहीं दूसरी तरफ आसपास के शहर और गांव में इन धधकते जंगलों का प्रभाव देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को नैनीताल जिले में फैली भीषण वनाग्नि के कारण नैनीताल में धुंध छाई रही।

नैना गांव, हनुमानगढ़ी और नैनीताल शहर से लिए सैंपल

गर्मियों के मौसम में पर्यटकों की पहली पसंद सरोवर नगरी, नैनीताल की हवा भी इस धुएं के कारण खराब हो गई है।12 मार्च को नैनीताल नगर पालिका में लगी मशीन से प्रदूषण जांचने पर प्रदूषण की मात्रा 82.6 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई थी। परंतु 27 अप्रैल को बढ़ती धुंध के कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नैनीताल के तीन जगह से वायु के सैंपल एकत्रित किए। इन जगहों में नैना गांव, हनुमानगढ़ी और नैनीताल शहर शामिल थे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नैनीताल शहर और ग्रामीण क्षेत्र के हवा के नमूने लेकर परीक्षण को हल्द्वानी लैब में भेज दिए थे। परीक्षण के बाद पता चला कि पिछले साल गर्मियों के चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई के बीच भी प्रदूषण की इतनी खराब स्थिति नहीं थी, जितनी इस बार अप्रैल में ही देखने को मिल रही है।

पिछले साल के मुकाबले स्थिति खराब

बताते चलें कि नैना गांव के आसपास प्रदूषण की मात्रा 106.5 माइक्रोग्राम घनमीटर देखने को मिली। वहीं प्रदूषण की मात्रा हनुमानगढ़ी क्षेत्र में 88.6 और नैनीताल शहर में 98.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक रहा।कुमाऊं में वनाग्नि के कारण स्थिति इतनी खराब है कि यहां 427 आग की घटनाओं में 574 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आकर खाक हो चुका है। वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र के कुल 63 दर्ज मामलों में 74 हेक्टेयर क्षेत्र में भारी नुकसान देखने को मिला है।

धुएं में लिपटा नैनीताल

जंगल में फैली आग के कारण नैनीताल का साफ सुथरा वातावरण भी प्रभावित होने लगा है। शहर के आसपास के इलाकों में जंगल की बढ़ती आग से हवा में कार्बन, ओजोन और ऑक्साइड ऑफ़ नाइट्रोजन की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ गई है। अचानक से बड़ी वायु प्रदूषण के कारण विजिबिलिटी में भी भारी कमी आई है। आर्यभट्ट प्रेक्षण शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ वायुमंडलीय विज्ञानी डॉक्टर मनीष नाज़ा ने बताया कि इन दिनों हवा में कार्बन, ओजोन और ऑक्साइड ऑफ़ नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि दर्ज हुई है। हवा में फैले इन प्रदूषकों के कारण स्वास्थ्य में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

To Top