हल्द्वानी: पहाड़ों में ऐपण कला कुछ समय पहले तक घर की दहलीज़ों ही नज़र आती थी। मगर अब चारदीवारी के अंदर कैद रहने वाली महिलाएं इन दहलीज़ों को पार कर खुद के साथ ऐपण कला को भी बाहर ले आई हैं। अब प्रदेश की महिलाएं और हमारी ऐपण कला देश ही नहीं विदेशों तक में खुद की पहचान बना रही है। हमारी लोक कला को बढ़ावा देने का श्रेय हल्द्वानी की अभिलाषा पालीवाल को भी जाता है।
हल्द्वानी निवासी अभिलाषा पालीवाल 6 साल की उम्र से ऐपण बना रही हैं। उन्होंने अपनी आमा और ईजा से इस कला को सीखा है। जो ऐपण कला पहले तक अभिलाषा के लिए केवल एक शौक था वह अब रोजगार का मुख्य ज़रिया बन गया है। यह सब अभिलाषा पालीवाल के हुनर, मेहनत और कार्यशैली की खातिर ही संभव हो पाया है। अभिलाषा पालीवाल अपनी कंपनी के ज़रिए ऐपण को लोगों तक पहुंचा रही हैं। उनके द्वारा बनाई गई ऐपण साड़ी तो हाल में खासा प्रसिद्ध हुई थी। इसके लिए देश के कोने-कोने तो क्या, विदेश जैसे न्यूयॉर्क से भी ऑर्डर आए।
अभिलाषा पालीवाल ने देहरादून से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद दिल्ली के एक्सपोर्ट हाउस में चार साल नौकरी भी की है। लेकिन वो कहते हैं ना कि क्रिएटिव इंसान अपनी रचनात्मकता से भला कबतक दूर रहेगा। फिर ऐपण कला तो अभिलाषा के लिए बहुत मायने रखती थी। 2018 में शादी के बाद नौकरी छोड़कर बचपन के सपने को पूरा करने के लिए अभिलाषा हल्द्वानी लौट आई। यहां उन्होंने ऐपण की पेंटिंग्स बनाना शुरू किया। जो कि लोगों को काफी पसंद आई। पिर क्या था धीरे धीरे कंपनी खड़ी हो गई।
उत्तराखंड की लोक-कला को आगे लेकर जा रही अभिलाषा पालीवाल ऐपण को कई तरह से उपयोग कर रही हैं। वह ऐपण की नेम प्लेट, ऐपण के तोरण, ऐपण से सजी सिल्क साड़ी, आदि सामान उपभोक्ताओं तक पहुंचा रही हैं। अपने हुनर से अभिलाषा ने ना सिर्फ देश के बल्कि विदेश के ग्राहकों को भी आकर्षित किया। अभिलाषा पालीवाल की सोच इसलिए भी बहुत अहम हो जाती है क्योंकि आजकल के युवाओं को लोक संस्कृति से जोड़ने का इसस बेहतर तरीका नहीं हो सकता था।
अभिलाषा पालीवाल ने कहा कि युवा वर्ग के लिए ऐपण को नए ट्रेंड से जोड़ने की ज़रूरत है। जिससे युवाओं के बीच में भी इस लोक कला को जगह मिले। एक महिला क्या कुछ करने का दमखम रखती है, यह अभिलाषा पालीवाल के बारे में जानकर पता लगाया जा सकता है। अभिलाषा पालीवाल का मानना है कि और भी कई सारे लोग इस तरफ अच्छा काम कर रहे हैं। इस तरह के लोगों को और महिलाओं को विश्वास देते रहना बेहद ज़रूरी है। आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हल्द्वानी लाइव अभिलाषा पालीवाल के साथ साथ हर महिला को धन्यवाद करता है। साथ ही शुभकामनाएं भी प्रेषित करता है।
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