देहरादून: कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। प्रदेश के पर्यटन विभाग ने यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को दी जाने वाली अनुदान राशि को दोगुना कर दिया है। बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व दुनियाभर में माना जाता है।
प्रदेश के पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बीते दिनों उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, गढ़ी कैंट स्थित सभागार में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई। जिसमें उन्होंमे कैलाश मानसरोवर यात्रा समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और अहम निर्णय लिए।
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इन सब में कैला मानसरोवर यात्रियों को लेकर लिया गया फैसला अहम माना जा रहा है। दरअसल प्रदेश पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड सरकार कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले प्रदेश के तीर्थयात्रियों को अब दोगुना अनुदान राशि देगी।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक सरकार की ओर से अभी तक प्रति यात्री 25 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती थी जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये करने का फैसला लिया है। लिहाजा इसे यात्रियों के लिहाज से सरकार सरकार का एक बड़ा फैसला माना जा सकता है।
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गौरतलब है कि 12 ज्योतिर्लिंग में सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले कैलाश मानसरोवर को शिव-पार्वती का घर माना जाता है। हर साल एक हज़ार से भी अधिक लोग यहां दर्शन करने आते हैं। जानकारी के अनुसार यहां देवी सती के शरीर का दायां हाथ गिरा था। इसलिए यहां एक पाषाण शिला को उसका रूप मानकर पूजा जाता है।
22,028 फुट ऊंचे शिखर और उससे लगे मानसरोवर को कैलाश मानसरोवर तीर्थ कहते हैं और इस प्रदेश को मानस खंड कहते हैं। बताते हैं कि मानसरोवर झील सर्वप्रथम भगवान ब्रह्मा के मन में उत्पन्न हुई थी इसलिए मानसरोवर कहते हैं क्योंकि ये मानस और सरोवर से मिलकर बनी है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है, मन का सरोवर।
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