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किसानों की आय दोगुनी करने के मामले में मंत्री के उत्तर पर घिर गई सरकार

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उनके कई केन्द्रीय मंत्री व भाजपा के पदाधिकारी लगातार कहते रहे हैं कि उनकी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी। सरकार इसके लिए लगातार कार्य कर रही है। इस पर सबसे बड़ा कदम किसानों के फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करना है। लेकिन लोकसभा की कार्यवाही के समय सांसदों के सवालों के जवाब में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने जो कहा वह इससे उल्टा है। उन्होंने इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। उनसे दो सांसदों ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार के पास किसानों की आय दोगुनी करने की योजना है? उसके उत्तर में मंत्री ने कहा, “कोई योजना नहीं है”। जबकि उसके दूसरे दिन यह उत्तर लोकसभा की वेबसाइट पर बदल गया| वहां मंत्री के जवाब की पहली पंक्ति नहीं है , जिसमें मंत्री ने कहा था कि कोई योजना नहीं है।

इसको लेकर विपक्षी सांसदों ने केन्द्र सरकार को घेरने की योजना बनाई है। इस बारे में कांग्रेस के एक सांसद का कहना है कि हो सकता है जब इस मुद्दे पर संसद में हंगामा हो तो केन्द्र सरकार उसी तरह से टाइपिंग की गलती कह कर उसमें कुछ सुधार करे, जिस तरह राफेल मामले में सर्वोच्च न्यायालय में बंद लिफाफे में लिखकर दिया था कि कैग ने इसके बारे में रिपोर्ट पीएसी को दे दिया है और उसने देख लिया है। सरकार के इस रिपोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय ने रिकार्ड पर ले लिया। जो उजागर हुआ तो पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके पास यह रिपोर्ट आई ही नहीं, क्योंकि अभी तक कैग ने इसकी रिपोर्ट ही नहीं तैयार की है| ऐसे में उसने मुझको कब रिपोर्ट दिया, वह बताये। इसको लेकर पीएसी अध्यक्ष ने कैग प्रमुख को नोटिस दे दिया।

इस पर घिर गई केन्द्र सरकार ने टाइपिंग में गलती कहते हुए सर्वोच्च न्यायालय में भूल सुधार की अर्जी दे दी। लेकिन राफेल सौदा मामले को न्यायालय में ले जाने वाले वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण शौरी ने इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार द्वारा झूठा हलफनामा दायर कर न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए याचिका लगा दी है। उस पर सर्वोच्च न्यायालय में 2 जनवरी को विचार हो सकता है।
इसी तरह किसानों के आय दोगुना करने के मामले में सरकार के मुकरने का मामला भी संसद में उठ सकता है। जिस पर सवाल उठेगा कि क्या मंत्रालय ने गलत उत्तर दिया या केन्द्र सरकार के पास कोई योजना नहीं है और केवल सभा, सेमिनार व अन्य जगह किसानों की आय दोगुना करने की बात वह कहती है। कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने इसे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुद्दा बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। विपक्ष इस पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे सकता है।
इस मामले में भाजपा के सांसदों का कहना है कि कई बार बोलने व टाइप करने में भी गलती हो जाती है। भाजपा सांसद लालसिंह बड़ोदिया का कहना है कि केन्द्र सरकार किसानों के लिए बहुत कुछ कर रही है, यह तो सबके सामने है। रही बात सदन में मंत्री के उत्तर या टाइपिंग में गलती की, तो यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है। किसी से भी यह भूल हो सकती है| इसे तूल दिया जाना, बात का बतंगड़ बनाना उचित नहीं है।

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