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वित्त मंत्री ने किसान संगठन और खेती से जुड़े कामों के लिए दिए 1 लाख करोड़, जानें क्या कहा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सूक्ष्य, खाद्य संस्करण इकाइयों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना है। करीब 2 लाख सूक्ष्य इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा। ये योजना कलस्टर आधारित होगी। इसमें स्थानीय कंपनियों को सपोर्ट किया जाएगा। जैसे बिहार का मखाना, यूपी के आम, जम्मू-कश्मीर के केसर जैसे खेती में कलस्टर बनाया जाएगा।

किसान निर्यात में मदद करते हैं लेकिन भंडारण की कमी और संवर्द्धन के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड दिया जाएगा। इससे कीमत बढ़ाने में भी मदद मिलेगी और किसानों की आय बढ़ेगी। 1 लाख करोड़ रुपए एग्रीगेटर्स, FPO, फार्मर प्रोड्यूसर को दिए जाएंगे ताकि गोदाम, स्टोरेज सेक्टर बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा पिछले 2 महीने में किसानों की सहायता के लिए 74300 करोड़ की खरीद एमएसपी पर हुई। 18700 करोड़ रुपये पीएम किसान खातों में ट्रांसफर किए गए. 6400 करोड़ फसल बीमा योजना का क्लेम किया गया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ऐसे प्रावधान किए ताकि रबी फसल की कटाई हो सके। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए प्रोक्योरमेंट भी किया जा रहा है। पिछले दो महीने में लॉकडाउन के दौरान कृषि को सरकार ने पूरी तरह सपोर्ट किया है। सीतारमण ने कहा कि देश की ज्यादातार आबादी खेती से जुड़ी हुई है। लिहाजा उस सेक्टर पर फोकस करना जरूरी है। कृषि और उससे जुड़े कामकाज के लिए आज का पैकेज जारी किया जा रहा है।

कृषि सेक्टर के लिए 11 उपायों का एलान-वित्त मंत्री ने कहा- भारत दाल, दूध, जूट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। छोटे और मझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है। आज 11 उपायों का एलान किया जा रहा है।

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