हल्द्वानी: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का जवाब भी किसी के पास नहीं था। यही कारण था कि शुरू से लेकर संक्रमण ने कइयों पर अटैक किया। कई सारे लोगों को हमसे छीन भी लिया। सुशीला तिवारी अस्पताल में पिछले करीब डेढ़ महीने में कोई ऐसा दिन नहीं रहा जब किसी संक्रमित की मौत ना हुई हो। लेकिन रविवार को यह आंकड़ा बदल गया। सूचना के अनुसार किसी की मौत नहीं हुई।
आपको याद दिला दें कि 15 अप्रैल की वो तारीख थी जब कोरोना ने अपना रूप विकराल कर लिया था। इसके बाद से ही लगातार गंभीर संक्रमित मरीज सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती होते रहे। हर दिन, किसी ना किसी संक्रमित की मौत जरूर होती। पूरे कुमाऊं का दबाव अस्पताल पर आ पड़ा था। एक दिन तो ऐसा था जब 24 घंटों में 30 मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल में एक दिन में 500 मरीज भर्ती होने लगे थे। लेकिन अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर्स लगे रहे।
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जगह की किल्लत हुई और उसके साथ साथ ऑक्सीजन तक की किल्लत झेलनी पड़ी। लेकिन अब कुछ राहत की किरण दिखनी शुरू हुई है। पिछले दो हफ्ते संक्रमण के मामले में राहत भरे रहे हैं। कोरोना के मामले कम हुए हैं। एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने बताया इस वक्त भी हॉस्पिटल में 117 मरीज भर्ती हैं। जिनमें से कुछ गंभीर हैं,लेकिन उनकी हालत स्थिर है। उन्होंने बताया कि राहत की बात यह कि एक भी मरीज की मौत की सूचना नहीं है। इसके अलावा जिले में 25 संक्रमित पाए गए।
दूसरी तरफ महामारी घोषित की गई ब्लैक फंगस बीमारी का इलाज भी एसटीएच में चल रहा हैं। अस्पताल में इस समय ब्लैक फंगस के 20 मरीज भर्ती हैं। जिसमें 19 में तो इसकी पुष्टि हो चुकी है। एक मरीज में अभी संदिग्ध लक्षण है। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि इस मरीज की जांच की जा रही है। इसके साथ ही ऑपरेशन किए गए मरीज की हालत स्थिर है। वह आइसीयू में भर्ती है।
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