देहरादून: प्रदेश की पुलिस को सशक्त करने के लिए भारत सरकार ने धनराशि जारी की है। इस धनराशि की मदद से उत्तराखंड की सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) और चीता टीमों को स्मार्ट किया जाएगा। बता दें कि यह कवायद प्रदेश के चार मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल से शुरू होगी।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार पद संभालने के बाद से ही सीपीयू व चीता टीमों पर खासा फोकस कर रहे हैं। इसी कड़ी में पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड के पुलिस मुख्यालय को एक हजार पिस्तौल व रिवॉल्वर खरीदने की मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक अगले महीने से ही हथियारों की खरीद शुरू हो सकती है।
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योजना के तहत पुलिसकर्मियों को क्या क्या मिलेगा
1. बॉडी कैम युक्त नई ड्रेस
2. शॉर्ट रेंज वेपन व अन्य उपकरण
3. थ्री नॉट थ्री और सेल्फ लोडिंग रायफल के बदले 8000 इन्सास रायफल
बता दें कि शॉर्ट रेंज वेपन खरीदने के लिए मुख्यालय ने इसी जनवरी में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। जिसे स्वीकार कर अब मंत्रालय की ओर से पांच करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। जानकारी के अनुसार मैदानी जिलों के बाद प्रदेश के बाकी जनपदों में भी पुलिस को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
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साथ ही पुलिसकर्मियों को थ्री नॉट थ्री और सेल्फ लोडिंग रायफल के बोझ से बचाने के लिए पुलिस मुख्यालय 8000 इन्सास रायफल मंगवाने जा रहा है। हालांकि अभी आर्मी और पैरा मिलिट्री फोर्स द्वारा इस्तेमाल की गई इन्सास रायफल ही पुलिस जवानों को मिलेंगी।
उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने जानकारी दी कि पुलिस को स्मार्ट करने की दिशा में महकमा लगातार प्रयासरत है। बताया कि पुलिस को आधुनिक बनाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। अब एक हज़ार शॉर्ट रेंज वेपन के लिए मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही खरीद पूरी की जाएगी और पहले चरण में मैदानी जिलों में तैनात सीपीयू व चीता पुलिस को वेपन दिए जाएंगे।
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