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उत्तराखंड रोडवेज में सालों से चल रहा था फर्जीवाड़ा, अब काटे 1255 कार्मिकों के वेतन

उत्तराखंड रोडवेज में सालों से चल रहा था फर्जीवाड़ा, अब काटे 1255 कार्मिकों के वेतन

देहरादून: रोडवेज की हालत से वाकिफ हर कोई है। फिर भी लापरवाही की आढ़ में ही बसों के संचालन हो रहे हैं। थोड़ा बहुत फायदा भी रोडवेज को बड़ी राहत दे रहा है। अब रोडवेज अपने एक कदम से मासिक 30 लाख रुपए से भी अधिक की बचत करेगा। दरअसल सालों से अधिक वेतन ले रहे 1255 कार्मिकों की एसीपी गलत मिलने के बाद उनका वेतन काटा गया है।

एसीपी यानी एश्योर्ड कैरियर प्रमोशन के आधार पर रोडवेज के प्रबंध निदेशक ने करीब 2900 कार्मिकों की जांच के आदेश दिए थे। मुख्यालय द्वारा कराई गई जांच में कुल 1255 कार्मिकों की एसीपी गलत पाई गई है। जिसमें से 1005 मुख्यालय समेत विभिन्न कार्यालय, डिपो और बस अड्डों के और 250 कार्यशाला के कार्मिक हैं।

गौरतलब है कि एसीपी के कारण ही उक्त सभी कार्मिक सालों से अधिक वेतन का फायदा ले रहे थे। जिससे रोडवेज को भी नुकसान हो रहा था। मगर अब ऐसा नहीं होगा। रोडवेज ने घपला मिलने के बाद सभी का वेतनमान संशोधित कर दिया है। बताया जा रहा है कि इससे रोडवेज को 32.68 लाख रुपये की मासिक बचत होगी।

इस जांच की शुरुआत सरकार के इशारे पर हुई थी। दरअसल रोडवेज घाटे में चल रहा है तो सरकार ने इस बार आर्थिक मदद देने के बदले कुछ आदेश दिए। जिसमें मुख्य तौर पर एसीपी में रिकवरी व संशोधित वेतनमान तत्काल लागू करने का आदेश दिया था। जिसे रोडवेज प्रबंध निदेशक डा. नीरज खैरवाल ने सख्ती से आगे बढ़ाया।

आदेशानुसार महाप्रबंधक प्रशासन हर गिरि ने 14 अगस्त से सभी कार्मिकों की जांच के आदेश दिए थे। बता दें कि रोज सुबह दस से रात दस बजे तक मुख्यालय में जांच का काम चला। पिछले साल कराए स्पेशल आडिट में सामने आए एसीपी रिकवरी और संशोधित वेतनमान के इस मामले की जद में करीब 2900 कार्मिक थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रोडवेज को इस मसले के कारण ही अब तक 100 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा भी सख्ती अपनाए हुए हैं। उन्होंने नाराजगी जताते हुए मामले में कार्मिकों से रिकवरी व वेतन कटौती के आदेश दिए थे। जिसके बाद अब मुख्यालय ने 1255 कार्मिकों का वेतनमान संशोधित कर दिया है।

हालांकि इस संशोधन के बाद से जो वेतन कटौती हुई है उससे रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद नाराज हो गया है। परिषद के प्रांतीय महामंत्री दिनेश पंत ने प्रबंध निदेशक को इस संबंध में ज्ञापन दिया है। साथ ही आंदोलन की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि प्रबंधन ने जुलाई का वेतन संशोधित वेतनमान पर देने के आदेश दिए हैं।

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