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नहीं रहे उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी, दिल्ली के मैक्स में ली अंतिम सांस

हल्द्वानी: उत्तराखण्ड में विकास पुरुष के नाम से विख्यात पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का निधन हो गया है। वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के मैक्स में उनका इलाज चल रहा था। मालूम हो कि यूपी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और आंधप्रदेश के पूर्व राज्यपाल एनडी तिवारी की गिनती देश के बड़े नेताओं में होती थी। भारतीय राजनीति में उन्हें केवल उनकी ही पार्टी नहीं बल्कि विरोधी भी सम्मान करते थे। बता दें कि  एनडी तिवारी तीन बार यूपी और एक बार उत्तराखंड के सीएम रह चुके हैं। इसके अलावा वह केंद्र सरकार में मंत्री और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे थे।

तिवारी जी के निधन के बाद  उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दुख जाहिर कर ट्विट किया। अंतिम दिनों में तिवाजी जी अपनी पत्नी उज्ज्वला शर्मा और बेटे रोहित शेखर के साथ रह रहे थे।  वह बेटे रोहित की शादी में भी नहीं जा पाए थे और उनकी बहू ने हॉस्पिटल पहुंचकर उनका आर्शीवाद लिया था।

नारायण दत्त तिवारी

एनडी तिवारी का जन्म 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल के बलूती गांव में हुआ। उनके पिता पूर्णानंद तिवारी वन विभाग में अफसर थे, जिन्होंने असहयोग आंदोलन के दौरान नौकरी छोड़ दी थी।  तिवारी जी ने हलद्वानी, बरेली और नैनीताल के अलग-अलग स्कूल-कॉलेजों से शिक्षा प्राप्त की। तिवारी राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के जरिए आए। ब्रिटिश-विरोधी चिट्ठियां लिखने की वजह से 14 दिसंबर 1942 को अरेस्ट हुए और नैनीताल की उसी जेल में भेजे गए, जहां उनके पिता पहले से बंद थे। वो वहां से 15 महीने बाद रिहा हुए, तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी पहुंचे, जहां से आगे की पढ़ाई जारी रखी।1947 में स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने. 1945-49 के बीच ऑल इंडिया स्टूडेंट कांग्रेस के सेक्रेटरी रहे। साल 1987 में काशी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी ने डी.लिट की मानद उपाधि दी थी।साल 1954 में सुशीला तिवारी से शादी की। इसके बाद 14 मई 2014 को उज्ज्वला शर्मा से शादी की, जिनसे लंबे समय से उनका रिश्ता था और जिनके बायोलॉजिकल बेटे रोहित शेखर के वो पिता थे।

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