हल्द्वानी: आंदोलन की ज़रूरत एक समाज में कितनी होती है या कितनी नहीं, यह एक अलग मुद्दा है। मगर भारत में होने वाले आंदोलन यहां के लोकतंत्र शक्ति को प्रदर्शित करते हैं। हाल में दिल्ली से शुरू हुए किसान आंदोलन ने भी बीते दिनों में उग्र रूप ले लिया था। जिसके कारण हल्द्वानी से बाहरी राज्यों में जाने वाली बसों का संचालन भी प्रभावित हो रहा था।
मगर अब कुछ दिनों से स्थिति सामान्य होने लगी है। ऐसा नहीं है कि अभी कोई समाधान निकल आया है मगर स्थिति बेहतर हो रही है। जिसके बाद अब कुमाऊं से दिल्ली की तरफ जाने वाली बसों को घूम कर जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। अब रोडवेज बसें अथवा अन्य गाड़ियां भी पुराने रूट से ही निकलना शुरू हो गई हैं।
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दरअसल दिल्ली से शुरू हुए किसान आंदोलन ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों को भी अपनी ओर खासा आकर्षित किया था। बिलासपुर और मिलक की तरफ कई बार किसानों ने सड़कों को जाम किए रखा। जिसकी वजह से एक बार तो रुद्रपुर डिपो से दिल्ली जा रही बस को किसानों द्वारा बिलासपुर से ही लौटा दिया गया था। यात्रियों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी।
इसके अलावा बिलासपुर और मिलक में किसानों द्वारा लगाए गए जाम के कारण दिल्ली जाने वाली बसों को बाजपुर से वाया मुरादाबाद हो कर जाना पड़ रहा था। हालांकि अब बीते सोमवार को स्थिति पहले से सामान्य होने के बाद गाड़ियां दोबारा पुराने रूट से ही दिल्ली निकलने लगी हैं।
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जानकारी के लिए बता दें कि पहले सभी बसें बिलासपुर व रामपुर से हो कर मुरादाबाद जाती थीं, फिर यहीं से वे दिल्ली के लिए निकलती थी। लेकिन जब से किसान आंदोलन के कारण बसों का संचालन प्रभावित होने लगा, तभी से गाड़ियों को बाजपुर से हो कर गुज़रने के आदेश थे। रास्ते में मुश्किलों के डर से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की संख्या में भी कमी आई थी।
बहरहाल अब संचालन दोबारा से पुराने रूट से शुरू होने लगा है। हल्द्वानी डिपो के एआरएम सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने जानकारी दी और बताया कि किसान आंदोलन में स्थिति अब सामान्य होती दिख रही है। जिसके बाद अब बसों को पुराने रूट से ही भेजा जाना शुरू कर दिया गया है।
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