हल्द्वानीः कोरोना वायरस ने जहां कई लोगों की जान ली है। वहीं इस माहामारी की वजह से कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। कोरोना के चलते कंपनी मालिक कंपनी में काम करने वाले युवाओं की छटनी करने पर लगा हुआ है। कई युवा नौकरी से निकाले जाने के बाद अपने घरों को वापस आ गए हैं। इस समय युवाओं को कोरोना का डर तो सता ही रहा है साथ ही उनको रोजगार की चिंता भी सता रही है। बेरोजगारी के भय से कई युवा मानसिक स्तर से परेशान हो रहे हैं। मानसिक स्तर से जूझ रहे कई युवा अब स्वास्थय केंद्र में फोन कर रहे हैं।
बता दें कि हल्द्वानी स्थित कंट्रोल रूम में फोन पर काउंसलिंग के लिए आए दिन 50 से ज्यादा फोन आते हैं। इसमें सबसे ज्यादा युवाओं की कॉल आती है। काउंसलिंग करने वाले अनिल बहुगुणा का कहना है कि युवाओं की सबसे बड़ी चिंता का कारण बेरोजगारी है। कोरोना के चलते कई लोगों कई युवाओं की नौकरी चली गई है। दूसरे राज्यों से वापस आए युवा को भी अब रोजगार की चिंता सता रही है। बेरोजगारी के चलते युवाओं की चिंता और ज्यादा बढ़ने के चलते वे अब टेलीफोनिक काउंसिंलग की मदद ले रहे हैं। काउंसलर सभी की मदद कर रहे हैं। वे सभी से धैर्य बनाए रखने की बात कह रहे हैं। वहीं युवाओं को सरकार की ओर से दी जा रही योजनाओं की जानकारी लेने की भी सलाह दे रहे हैं। ताकि युवाओं को रोजगार से जुड़े अवसरों के बारे में जानकारी समय-समय पर मिलती रहे। जो युवा कोरोना के चलते दूसरे राज्यों से घर वापस आए हैं उनकोे यह डर सता रहा है कि उनको दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा भी या नहीं। हमारी आप सभी से अपील है कि धैर्य बनाए रखें।
मनोचिकित्सक डॉ. नेहा शर्मा का कहना है कि उनके पास काउंसलिंग को लेकर प्रतिदिन कई फोन आते हैं। इसमें सबसे ज्यादा युवा हैं। जो युवा दूसरे राज्यों से वापस आए हैं, उनको अब नौकरी के चलते कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नौकरी दोबारा मिलने और बेरोजगारी के चलते कई युवा मानसिक स्तर से जूझ रहे हैं। नेहा शर्मा बताती हैं कि इससे बचने का सबसे कारगार उपाय है सकारात्मक सोच रखें। नेगेटिव सोच को अपने दिमाग से निकालें और हमेशा पॉजिटिव सोच के साथ जिएं। आज का युवा कामयाबी न मिलने के चलते जल्द ही हताश हो जाता है। और उसके मन में गलत विचार आते हैं। तो इसलिए युवाओं को हमेशा पॉजिटिव सोच के साथ रहना चाहिए।