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कोरोना को हराता उत्तराखंड, 86 लोग ठीक हुए, किसी भी जिले में नहीं है कंटेनमेंट जोन

देहरादून: कोरोना हारेगा इंडिया जीतेगा का नारा अब धीरे धीरे सिद्ध होने लगा है। कोरोना संक्रमण लगभग काबू में आने से उत्तराखंड कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गया है। संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ ही कंटेनमेंट जोन की संख्या भी घटती गई। वर्तमान में प्रदेश के 13 जिलों में एक भी कंटेनमेंट जोन नहीं है।  उत्तराखंड में रविवार को कोरोना वायरस के 61 नए मामले आए हैं। वहीं 86 लोग ठीक हुए हैं। देहरादून में एक संक्रमित की मौत हुई है। राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 96129 और स्वस्थ हुए संक्रमितों की संख्या 91966 और मृतकों की संख्या 1644 हो गई है। वहीं प्रभावी संक्रमितों की संख्या घटकर 1200 के पास आ गई है।

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बता दें प्रदेश में जून-जुलाई से कोरोना संक्रमण के मामलों के काफी तेजी आई थी। बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने संक्रमण का सामुदायिक फैलाव रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन बनाने शुरू कर दिए थे। 13 सितंबर को प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या लगभग 500 तक पहुंच गई थी। संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ ही कंटेनमेंट जोन की संख्या भी घटती गई।

वर्तमान में प्रदेश के किसी भी जिले में कंटेनमेंट जोन नहीं है।बता दें कंटेनमेंट जोन के सभी इलाकों को सील्ड (S.H.I.E.L.D) किया गया था। इसमें एस (S)का मतलब संक्रमित इलाके को सील करना, एच(H) का मतलब होम क्वारंटीन करना, आइ (I)का मतलब ऐसे लोगों को आइसोलेट एवं ट्रेस करना जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों, ई (E) का मतलब एसेंशियल कमोडिटी की सप्लाई जारी रहेगी.एल (L) का मतलब लोकल सैनेटाइजेशन और डी (D) का मतलब डोर टू-डोर लोगों का चेकअप था।

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राज्य कोविड कंट्रोल रूम के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ.अभिषेक त्रिपाठी के अनुसार प्रदेश में सभी जिले कंटेनमेंट जोन से मुक्त हो गए हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए कंटेनमेंट जोन घोषित करने की व्यवस्था अभी भी है। अगर जिला प्रशासन को लगता है कि किसी क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मामले बढ़ रहे हैं तो उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा सकता है।

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