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कोरोना वायरस: क्या है भीलवाड़ा मॉडल, जो उत्तराखंड में भी हो सकता है लागू!

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से बचाव के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नए आंकड़े भी आज सामने आए हैं। भारत में  पिछले 24 घंटे में 354 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। देशभर में कोरोना संक्रमण के 4421 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं इस महामारी से अब तक 117 लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने कहा कि क्वारंटीन लोगों की निगरानी की जा रही है। मंत्रालय ने कहा कि कोरोना मरीज के लिए कोविड केयर सेंटर बनाए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि कंट्रोल रूम के जरिये कोरोना मरीजों की निगरानी की जा रही है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बार फिर लोगों से लॉकडाउन की अपील का पालन करने की बात कही है।

अब खबर है कि कोरोना से लड़ने के लिए पूरे देश में भीलवाड़ा मॉडल लागू किया जा सकता है। केन्द्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से भीलवाड़ा मॉडल की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने भी राज्य के चिकित्सा अधिकारियों से जानकारी मांगी है। आइए हम आपको बताते हैं कि क्या है ये मॉडल जिसकी पूरा देश बात कर रहा है।

भीड़वाड़ा राजस्थान में एक जगह का नाम है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 250 किलोमीटर दूर एक जिला है भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में एक डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद वहां तेजी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी, लेकिन बाद में यह आंकड़ा 27 मरीजों से अधिक नहीं बढ़ा। उन्होंने ऐसे क्या कदम उठाए जिसने कोरोना वायरस को मात दी इस बारे में पूरा देश जानना चाहता है। यहां 27 में 15 मरीज ठीक होकर घर गए। 7 पॉजिटिव की रिपोर्ट निगेटिव आई, केवल 3 संक्रमित बचे हैं।

दरअसल यहां पर प्रशासन सख्त कदम उठाए और उसकी तारीफ पूरा देश कर रहा है। जिले में पहला कोरोना मरीज मिलते ही तत्काल कर्फ्यू लगा दिया गया। पहले ही दिन जिले की सीमाएं सील करते हुए 14 एंट्री पॉइंट्स पर चेक पोस्ट बनाईं, ताकि कोई भी शहर से न बाहर जा सके और न अंदर आ सके।  रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह बंद किया गया। प्राइवेट गाड़ियों पर भी रोक लगा दी गई।

उन इलाकों में जहां कोरोना से संक्रमित मरीज मिले वहां आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई। स्क्रीनिंग के लिए 2100 टीमें बनाई गईं। हर दिन हजारों की संख्या में लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।सर्वे पूरा होने के बाद फिर से सर्वे कराया गया, जो कोरोना चेन ब्रेक होने तक लगातार जारी रहेगा। इसमें 1215 लोग सर्दी-जुकाम से ग्रसित मिले। भीलवाड़ा के करीब 28 लाख लोगों में से 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग करवा दी गई है। 

पिछले सर्वे में 6 हजार टीमें 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग 9 दिनों में हुई थी। पहले मरीज के संपर्क में आने वालों की सूची तैयार कर उनके घर पहरा लगाया गया। भीलवाड़ा में पिछले 10 दिनाें में 333 फीसदी की रफ्तार से संक्रमण फैला था लेकिन इसपर जल्द काबू पा लिया गया। मरीजों के संपर्क में आने वाले 6000 लोगों को क्वारंटीन किया गया। होटलों में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई। कर्फ्यू के दौरान राशन, फल, सब्जी की होम डिलीवरी की व्यवस्था की गई।जिले में 14 दिन के कर्फ्यू के बावजूद 11 दिन का महाकर्फ्यू भी लगाया।

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