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कुर्सी में बैठकर खाना खा रहा था दलित युवक, सात दबंगों ने उतारा मौत के घाट

देहरादून: टिहरी जिले के नैनबाग इलाके के श्रीकोट गांव से सामने आई घटना ने पूरे उत्तराखण्ड को हिलाकर रख दिया।यहां शादी में कुर्सी में बैठकर खाना खाने पर एक दलित युवक को ऊंची जाति वाले लोगों ने बेरहमी से पीट दिया। युवक को गंभीर हालात में देहरादून के श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार को उसने दम तोड़ दिया। पीडित के परिवार ने कैमप्टी थाने में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।खबर के अनुसार  युवक जितेंद्र (23) पुत्र स्व. सेवक दास के 26 अप्रैल को श्रीकोट गांव निवासी प्रदीप पुत्र कालिया दास की शादी में पहुंचा था। ललोटना गांव से बारात लौटने के बाद रात में शादी की पार्टी थी। पार्टी में सभी वर्गों के लोग आए थे। पार्टी में कुछ ऊंची जाति के लोग खाना खा रहे थे। इसी दौरान दूल्हे के रिश्ते का चाचा बसाणगांव निवासी जितेंद्र ऊंची जाति के लोगों के सामने कुर्सी पर बैठकर खाने लगा। इस पर सवर्ण युवक को गुस्सा आ गया और उसने जितेंद्र की कुर्सी पर लात मार दी। इसके बाद जितेंद्र की थाली से भोजन सवर्णों के कपड़ों में गिर गया। इसके बाद लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। अगले दिन हालत बिगड़ने पर परिजनों उसे नैनबाग स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।

हालत में सुधार नहीं होने पर 27 अप्रैल को उसे देहरादून के महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती कराया। रविवार सुबह उपचार के दौरान जितेंद्र दास ने दम तोड़ दिया। जितेंद्र की मौत के बाद घर पर कोहराम मचा हुआ है।युवक की मौत और हंगामे की सूचना पाकर दून और टिहरी पुलिस समेत एलआईयू की टीम मौके पर पहुंच गई। देर शाम तक कोरोनेशन अस्पताल स्थित मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराया।। टिहरी के कैंपटी थाना की पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताकर कार्रवाई की मांग की।

जितेंद्र के ऊपर ही बुजुर्ग मां गीता, 20 वर्षीय बहन पूजा और 12 साल के भाई के पालन पोषण करने का जिम्मा था। वह मजदूरी कर गुजर बसर करता था। जितेंद्र अपनी बहन की शादी की तैयारी में लगा था, लेकिन जितेंद्र का यह सपना अधूरा ही रह गया। जितेंद्र की मौत से परिवार पर आजीविका का संकट आ गया है।

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