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उत्तराखंड परिवहन विभाग ने पुरानी बसों को लेकर फैसला वापस लिया,यात्रियों को मिलेगी राहत

Uttarakhand Transport Corporation: Ten Year Old Vehicle Ban In Uttarakhand:

गर्मियों की छुट्टियों में लाखों पर्यटक उत्तराखंड का रुख करते हैं। इनमें से कई श्रद्धालु होते हैं जो चारधाम यात्रा करने के लिए ही उत्तराखंड आते हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण यातायात के साधनों में भी वृद्धि आना सौभाविक है। ऐसे में अगर पुराने सार्वजनिक परिवाहनों पर प्रतिबन्ध लग जाए तो वाहन स्वामियों की नाराज़गी भी उतनी ही सौभाविक मानी जा सकती है। यही नाराज़गी 10 साल पुरानी बसों के संचालन में प्रतिबन्ध लगाने वाले निर्णय को वापस लेने के लिए कारण बनी है। जी हाँ, संयुक्त स्टेशन व स्थानीय परिवहन कारोबारियों की नाराज़गी के चलते 10 साल पुरानी बसों के संचालन पर रोक का आदेश वापस ले लिया गया है।

परिवहन विभाग द्वारा संशोधित आदेश में उत्तराखंड की पंजीकृत बसों को 10 साल की आयु सीमा में छूट दी गई है। इससे यह सुनिश्चित हो गया है कि यह सभी बस चालक चार धाम के लिए अब बुकिंग ले सकते हैं। बस संचालन पर संशय बने होने के कारण अभी तक यह सभी चालक बुकिंग के लिए हो रही पूछताछ में कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कह पा रहे थे। बता दें कि यह छूट केवल उत्तराखंड की बसों के लिए ही है। अन्य राज्यों से पहले चरण में आने वाले वाहनों पर यह नियम लागू रहेगा। इसके साथ ही परिवहन विभाग ने पर्वतीय क्षेत्रों में 177 व्हीलबेस वाली बसों के संचालन हेतु भी स्वीकृति दे दी है।

चारधाम यात्रा में 2200 निजी बसों के साथ प्रारम्भिक चरण में 10 निजी बसें भी चलाई जानी हैं। यह निर्णय अब तक हुए पंजीकरण में प्राप्त हुई जानकारी के अंतर्गत लिया गया है। इसके अलावा पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर कुमाऊं मंडल से भी निजी बसों और प्रदेश के विभिन्न जनपदों से स्कूल बसों का उपयोग भी यात्रा के लिए किया जाएगा। फिर भी अगर बसों की संख्या कम पड़ती है तो मेरठ, बरेली, मुरादाबाद समेत हिमाचल प्रदेश से भी बसें मंगाई जाएंगी। परिवहन विभाग की तैयारियां देख कर लगता है कि उन्होंने व्यवस्था में कोई भी कमी ना रखने का मन बना लिया है।

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