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उत्तराखंड पुलिस की अनोखी सोच, जवानों की थाली में परोसा जाएगा पहाड़ी ज़ायका

हल्द्वानी: जब पुलिस जन जन की सुरक्षा के लिए इतना तत्पर रहती है। तो क्यों ना उन्हें ड्यूटी पर बेहतर खाना नसीब हो। इसी बात को सोचते हुए अब पुलिस महकमे के लिए एक अहम फैसला लिया गया है। पहाड़ के व्यंजनों और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ साथ अब पुलिसकर्मियों को भी फायदा पहुंचेगा। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस की ओर से एक पहल शुरू की गई है।

जिसके तहत प्रदेश के तमाम थाने और चौकी के साथ पीएसी, आइआरबी के मेस में सप्ताह में एक दिन उत्तराखंडी भोजन परोसा जाएगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड में तकरीबन 160 पुलिस थाने और 237 रिपोर्टिंग पुलिस चौकी हैं। इसके अलावा पीएसी, आइआरबी, एसडीआरएफ की बटालियन अलग से हैं। यहां जितने भी पुसलिसकर्मी तैनात रहते हैं उनके लिुए अलग से मेस की व्यवस्था भी है। जहां पर भोजन की उचित व्यवस्था रहती है।

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दरअसल अशोक कुमार को डीजीपी का पदभार मिलने के बाद से ही पुलिस के तरफ से कई अहम प्रयास देखे जा चुके हैं। ऐसे में इस बार यह पैंतरा मुख्य तौर पर उत्तराखंड के व्यंजनों को और स्थानीय उत्पादों बढ़ावा देने का काम करेगा। साथ ही पुलिसकर्मियों को भी अलग अलग तरह का भोजन नसीब हो सकेगा। जिससे उन्हें अपना काम करने में और भी आनंद आएगा।

पुलिस उप महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड नीलेश आनंद भरणे ने आदेश जारी किए हैं। आदेशों के मुताबिक उत्तराखंड पुलिस अपने मेस में सप्ताह में एक दिन उत्तराखंड के व्यंजनों को पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसेगा। आदेशों के बाद ही कई जिलों में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। उधमसिंह नगर में भी एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने जिले के थानाध्यक्षों और चौकी प्रभारियों को हफ्ते में एक दिन पुलिसकर्मियों के लिए मेस का खाना बनवाने के निर्देश दिए हैं।

पुलिस उप महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे ने बताया है कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। पुलिस के सभी भोजनालय में उत्तराखंडी भोजन (गढ़वाली-कुमाऊंनी व्यंजनों) परोसा जाएगा। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का पारंपरिक खानपान गुणवत्ता और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बेहद फायदेमंद माना गया है। इस पहले से एत तरफ स्थानीय उत्पादनों को बढ़ावा मिलेगा, तो दूसरी ओर उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

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