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कोरोना ने जिले के हलवाइयों का धंधा चौपट किया, आलू-प्याज बेचने को मज़बूर

उत्तराखंड: हलवाइयों के लिए रोज़ी रोटी का संकट, आलू-प्याज बेचने को मज़बूर

हरिद्नार: कोरोना और लॉकडाउन ने समाज के सभी तबके को बहुत नुकसान पहुंचाया है। देश में कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन और उसके बाद हुए अनलॉक के सख्त नियम ने शादी समारोह और अन्य उत्सवों को पहले की तरह करने पर पाबंदी लगा दी है। इस कारण इस व्यवसाय से जुड़े लोगों जैसे हलवाइयों को रोज़ी रोटी का संकट हो गया है। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और फिर 23 मार्च से लॉकडाउन के बाद शादी, सालगिरह, जन्मदिन और अन्य समारोह पूरी तरह से बंद हो गए थे।

अनलॉक-1 के बाद कुछ छूट जरूर मिली है पर स्थिति पहले जैसी बिलकुल भी नहीं है जिसके कारण हलवाइयों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते इन हलवाइयों ने आपने काम ही बदल दिया है। रुड़की के बादशाहपुर हलवाई बताते हैं कि लॉकडाउन होने के कारण और अनलॉक-1 के बाद शादी समारोह में 50 से अधिक लोगो के जुटने की पाबंदी हो गई। इस कारण उनका काम बिलकुल चौपट हो चुका है और उनके भूखे मरने नौबत आ गई है। खाने की बुकिंग ना होने के कारण वह अब मज़दूरी कर रहे है। शेरपुर निवासी एक हलवाई तो अपना घर चलाने के लिए आलू-प्याज बेच रहे है। इस तरह के कई लोगों ने अपनी रोजी के लिए काम बदला है। हल्द्वानी में कई ऐसे ऑटो चालक हैं जो सब्जी और फल भेज रहे हैं। कइयों ने तो मास्क और सैनेटाइजर भी बेचना शुरू कर दिया है।

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