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उत्तराखंड के निजी अस्पतालों में भी होगा कोरोना का इलाज,गाइडलाइन का पालन करना जरूरी

देहरादून: राज्य में कोरोना के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे। राज्य सरकार हर मुमकिन कदम उठा रही है ताकि परिस्थिति को कण्ट्रोल की जा सके। इस के मद्देनज़र प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने कोरोना से जंग के लिए बढ़ा फैसला किया है। सरकार ने फ़ैसला किया है कि निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज यदि कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें अब सरकारी अस्पताल को रेफर करने की जरूरत नहीं होगी। अस्पताल स्वयं उनका उपचार कर सकेंगे। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की ओर से मंगलवार को यह आदेश जारी किए गए। आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज की इजाजत नहीं होने से मरीजों को सरकारी अस्पतालों में रेफर करना पड़ रहा है।

इसलिए निजी अस्पतालों को उपचार की इजाजत दी गई है। अस्पतालों को ऐसे मरीजों की जानकारी सीएमओ या जिला सर्विलांस अधिकारी को देनी होगी। आदेश के मुताबिक निजी अस्पताल जरूरत पड़ने पर मरीज की कोरोना जांच आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार करा सकते हैं। लेकिन राज्य सरकार द्वारा अधिकृत प्राइवेट लैब में ही जांच करानी होगी और सरकार की ओर से तय रेट ही लिए जाएंगे।

सरकार ने कोरोना मरीजों के उपचार करने वाले अस्पतालों के लिए गाइडलाइन भी जारी की है। इसमें कोरोना के इलाज के लिए सभी जरूरी इंतजामों को शामिल किया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीज की मूल बीमारी का प्राइवेट अस्पताल अपनी निर्धारित दरों पर इलाज कर सकते हैं। लेकिन कोरोना मरीज के इलाज में बरती जाने वाली सावधानी और उपकरणों के उपयोग का खर्च वास्तविक एवं न्यूनतम दरों पर लिया जाएगा।

बता दें कि अब तक प्रदेश में अब तक 55 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि 3297 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। 1459 लोगों का इलाज जारी है। वहीं, प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 67.99 फीसदी है और डबलिंग रेट 20.21 दिन है।

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