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अल्मोड़ा की श्वेता नगरकोटी ने दिलाया देवभूमि को सम्मान,केरल में बनी उपजिलाधिकारी

अल्मोड़ा: उड़ान भरने के लिए इंसान को पंखों की ज़रूरत नहीं होती। अगर आपके अंदर लक्ष्य पाने की चाह और मेहनत करने की लगन व हिम्मत है तो आप भी आसमान की ऊंचाईयों को छू सकते हैं। इस मुश्किल दौर के बीच में अल्मोड़ा के गांव गौलीमहर की बेटी श्वेता नगरकोटी ने हर उत्तराखंड वासी को गौरव के पल दिए हैं। दरअसल श्वेता केरल के जिले में उपजिलाधिकारी बन गई है।

सरकारी अधिकारी के पद तक पहुंच पाना किस कदर कठिन होता है, इससे सब वाकिफ हैं। यूपीएससी परीक्षा ही अपने आप में कितनी मुश्किल होती है, इसका कोई जवाब नहीं है। मगर जब बेटियां कुछ ठान लेती हैं, तो रास्ते भले ही कितने पथरीले हों, मंजिल पाने की जिद उन्हें कामयाबी दिला ही देती है।

मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लॉक के गौलीमहर गांव की रहने वाली श्वेता नगरकोटी ने वो कर दिखाया जिसका कई लोग केवल सपना ही देख पाते हैं। वह अब केरल के तिरूवनंतपुरम जिले की उपजिलाधिकारी पद पर तैनात हो गई है। बहरहाल इस सफतला के पीछे कितनी मेहनत और संघर्ष छिपा है, ये तो खुद श्वेता से और उसके माता पिता से बेहतर कोई नहीं जानता होगा।

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जानकारी के अनुसार श्वेता ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से वर्ष 2020 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। इस परीक्षा में उन्हें 410वीं रैंक हासिल प्राप्त हुई थी। यह पहली सीढ़ी थी जिसपर चढ़कर श्वेता केरल कैडर की आईएएस अधिकारी पद तक पहुंची। बहरहाल किसी भी सफलता की कहानी बिना सपोर्ट के पूरी नहीं होती।

श्वेता नगरकोटी के पिता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं जबकि माता एक कुशल ग्रहणी हैं। श्वेता अपनी सफलता के पीछे के दो बड़े स्तंभों को अपने माता पिता का नाम देती है। वे बताती हैं कि उनके माता पिता ही थे जिन्होंने कभी पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी। साथ ही हर मोड़ पर सपोर्ट किया। बता दें कि इस खबर से ना सिर्फ गांव गौलीमहर में बल्कि पूरे जिले व क्षेत्र में खुशी की लहर है।

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