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उत्तराखंड:पिता लगाते हैं सब्जी का ठेला, मेहनत से बेटा पहुंचा IIT रुड़की,शाबाश निशांत

देहरादून -अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो किसी भी मंजिल को आसानी से हासिल किया जा सकता है। इस बात को एक बार फिर सही साबित कर दिखाया है राज्य के देहरादून जिले के रहने वाले निशांत मैनवाल ने। निशांत ने कड़ी मेहनत के बलबूते सुनहरे भविष्य की दास्तां लिखी। जिसके चलते निशांत ने जेईई-एडवांस में अच्छी रैंक हासिल की है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता, परिजनों एवं गुरूजनों को दिया है। निशांत का सपना अब इंजीनियर बनकर जल्द से जल्द नौकरी शुरू करने का है ताकि वह अपने मेहनतकश पिता को अब आराम दे सके।

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बता दें कि निशांत मूल रूप से राज्य के देहरादून जिले के कैलाशपुर गांव निवासी है। उनका चयन आईआईटी रूड़की में हो गया है। इंटरमीडिएट की परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले निशांत ने एनटीए की जेईई मेन-1 परीक्षा में 90.3 फीसदी अंक हासिल किए जबकि जेईई मेन-2 परीक्षा में उन्हें 89.9 फीसदी अंक मिले और दोनों परीक्षाओं परिणामों में ऑल इंडिया 2642वीं रैंक हासिल की। निशांत के पिता बबलू मैनवाल सब्जी की ठेली लगाते हैं, लेकिन पांचवीं पास बबलू ने इसका असर कभी भी अपने बच्चों की पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया।

दिन रात कड़ी मेहनत कर निशांत सहित सभी बच्चों को पढ़ाया, निशांत ने भी अपने पिता की कड़ी मेहनत का इनाम आईआईटी रुड़की में चयनित होकर दिया, जहां से वह अपने पिता का सपना साकार कर बाहर निकलेंगे। अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता, परिजनों एवं गुरूजनों को देने वाले निशांत का सपना अब इंजीनियर बनकर जल्द से जल्द नौकरी शुरू करने का है ताकि वह अपने मेहनतकश पिता को अब आराम दे सके।

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